'सड़क दुर्घटना के मामलों में एसओपी का पालन करें': हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर को यह बताने का निर्देश दिया कि क्या कोई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) है, जिसका सड़क दुर्घटना के मामलों के संबंध में पालन किया जाता है।
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह एक 26 वर्षीय युवक के माता-पिता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थीं, जिसकी जूमकार से किराए की कार में यात्रा करते समय सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप है कि किराए के वाहन का चालक कार चलाते समय शराब पीकर नशे में था।
अदालत ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण मामला बताते हुए निर्देश दिया कि उक्त एसओपी को छह सप्ताह की अवधि के भीतर रिकॉर्ड पर रखा जाए।
अदालत ने आदेश दिया,
"आगे बढ़ने से पहले, अदालत पुलिस कमिश्नर को किसी भी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश देती है, जिसका पालन पुलिस दुर्घटना के मामलों में या तो चोटों या मृत्यु के मामलों में करती है।"
अदालत ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि याचिका में मांगे गए मुआवजे को देने के लिए संबंधित योजना या नीति को रिकॉर्ड पर रखा जाए।
माता-पिता की ओर से पेश वकील ने अदालत को अवगत कराया कि जांच अधिकारी द्वारा विश्लेषण के लिए ड्राइवर का ब्लड सैंपल समय पर प्रस्तुत नहीं किया गया था।
कोर्ट को यह भी बताया गया कि सैंपल लेने में करीब तीन महीने की देरी हुई है।
वकील ने यह भी कहा कि इस मामले में जांच अधिकारी द्वारा आवश्यक सीसीटीवी फुटेज भी एकत्र नहीं किए गए थे।
इस प्रकार यह माता-पिता का मामला था कि ब्लड सैंपल की जांच सहित प्रक्रिया में देरी ने उन्हें निष्पक्ष सुनवाई से वंचित कर दिया था।