अधिवक्ताओं के लिए चार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगीः राज्य सरकार ने कर्नाटक हाईकोर्ट में बताया

Update: 2021-08-03 10:23 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने मंगलवार को बताया कि कि सैद्धांतिक रूप से बार के सदस्यों को वित्तीय सहायता के रूप में चार करोड़ रुपये की राशि जारी करने का निर्णय लिया गया है।

सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता वी श्रीनिधि ने कहा:

"सैद्धांतिक रूप से बार के सदस्यों के लिए चार करोड़ रुपये की राशि जारी करने की मंजूरी दी गई है। इस सहायता राशि को मंत्रियों की कैबिनेट बनने के बाद मंजूरी दी जाएगी।"

यह भी बताया गया कि पंजीकृत अधिवक्ता लिपिकों के हित में 10 लाख रुपये की राशि के निवेश हेतु बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया गया था कि कर्नाटक एडवोकेट्स वेलफेयर फंड एक्ट, 1983 (संक्षेप में 1983 के अधिनियम के लिए) की धारा चार की उप-धारा (1) के तहत एक समिति का गठन किया गया है, जो कर्नाटक पंजीकृत क्लर्कों का प्रबंधन करेगी। उक्त अधिनियम 1983 की धारा 27 के तहत कल्याण कोष की स्थापना की गई। समिति को कोष से प्राप्त धन के निवेश के लिए किसी भी अनुसूचित बैंक में कोष का खाता खोलना होगा।

पिछले साल, राज्य सरकार ने अधिवक्ता और अधिवक्ता लिपिकों के लाभ के लिए पाँच करोड़ रुपये की राशि जारी की थी, जो COVID-19 लॉकडाउन के दौरान अदालतों के बंद होने के कारण आर्थिक संकट में फंस गए थे। इस राशि में से 10 लाख रुपये अधिवक्ता लिपिकों की सहायता के लिए निर्धारित किए गए थे।

एडवोकेट क्लर्क एसोसिएशन ने एडवोकेट मूर्ति डी नाइक के माध्यम से अदालत का दरवाजा खटखटाकर राज्य सरकार को अदालत के सामान्य कामकाज के शुरू होने तक अदालत के बंद होने की अवधि के दौरान प्रत्येक सदस्य के लिए 10,000 रुपये की राशि जारी करने का निर्देश देने की मांग की थी।

मामले की अगली सुनवाई 24 अगस्त को होगी।

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