अधिवक्ताओं को वित्तीय सहायता: फर्जी COVID-19 रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले वकीलों को दिल्ली बार काउंसिल ने माफी के लिए एडवाइजरी जारी की
दिल्ली बार एसोसिएशन ने वकीलों को काउंसिल को माफी मांगने का एक बार मौका देकर उन्हें प्रदान की गई वित्तीय सहायता का लाभ उठाने के उद्देश्य से झूठी या फर्जी COVID-19 रिपोर्ट जमा करते पाए जाने वाले वकीलों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
परिषद ने उक्त लाभ का दावा करने के लिए जाली COVID-19 रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले अधिवक्ताओं पर संज्ञान लेने के बाद यह एडवाइजरी जारी की।
दिल्ली बार काउंसिल ने इस प्रकार अधिवक्ताओं को "दिल्ली बार काउंसिल ऑफ दिल्ली इंडीजेंट एंड डिसेबल्ड लॉयर्स अकाउंट" के पक्ष में पहले से प्राप्त राशि के डिमांड ड्राफ्ट के साथ हलफनामे के रूप में स्वैच्छिक माफी प्रस्तुत करने का अवसर देने का प्रस्ताव पास किया है।
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया,
"उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है कि यह अवसर केवल एक बार दिया जाएगा। इसके बाद में अनुदान का दावा करने के लिए COVID-19 की फर्जी रिपोर्ट बनाने में शामिल पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।"
परिषद ने 29 अप्रैल, 2021 के प्रस्ताव के माध्यम से उन वकीलों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का संकल्प लिया था, जो COVID-19 वायरस से संक्रमित हो गए थे और या तो होम क्वारंटाइन या अस्पताल में भर्ती थे।
हालांकि, वित्तीय सहायता का लाभ उठाने के लिए COVID-19 की पॉजीटिव रिपोर्ट जमा करना अनिवार्य कर दिया गया था।
एडवाइजरी में कहा गया,
"200 आवेदनों की जांच के दौरान यह पाया गया कि 10 अधिवक्ताओं ने जाली COVID-19 रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। उसी पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली बार काउंसिल ने तुरंत कार्रवाई की और उन अधिवक्ताओं को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही मुरारी तिवारी (सदस्य, बीसीडी), संजय राठी (सदस्य, बीसीडी) और पीयूष गुप्ता (माननीय सचिव, बीसीडी) के सदस्यों वाली एक विशेष अनुशासनात्मक समिति का गठन किया था।"