'एक दिन जब रिश्तों में खटास आई तो उसने शिकायत दायर कर दी' : बाॅम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोपी को दी ज़मानत

Update: 2020-08-13 03:45 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को 24 वर्षीय एक महिला से बलात्कार करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी। इस महिला से उसकी दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी। आरोपी को 20 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में बंद है।

न्यायमूर्ति भारती डांगरे की बेंच ने अताउल्लाह अंसारी की तरफ से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई की। अंसारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (2) (एन) के तहत किए गए अपराध के मामले में कांदिवली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस ने 18 जून, 2020 को आरोप पत्र दायर किया था।

शुरुआत में आरोपी ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने आवेदन दायर कर जमानत मांगी थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। उसके बाद उसने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी।

इस मामले में कथित पीड़िता ने जनवरी माह में शिकायत दायर की थी। पीड़िता के अनुसार वह फेसबुक के जरिए आवेदक के संपर्क में आई थी, जिसके बाद उसने अपना मोबाइल नंबर फेसबुक अकाउंट पर अपलोड कर दिया था। उसके बाद आवेदक ने उससे फोन पर बातचीत शुरू कर दी थी। वर्ष 2019 में वह उत्तर प्रदेश गई थी,जो उसका गृह राज्य है। वहीं पर आवेदक भी आया था।

शिकायतकर्ता ने अनुसार उसने आवेदक को बताया था कि उसकी शादी हो चुकी है,परंतु उसके पति ने उसे तलाक दे दिया था, जिसके बाद उसके व आवेदक के बीच नजदीक संबंध बन गए थे और परिणामस्वरूप उनके बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो गए थे। बाद में दोनों के बीच झगड़ा हुआ और एफआईआर दर्ज करा दी गई।

कोर्ट ने कहा कि-

''शिकायतकर्ता द्वारा दर्ज की गई शिकायत उक्त कलह की एक तत्काल प्रतिक्रिया है। शिकायतकर्ता ने बताया था कि आवेदक ने उससे कई बार संपर्क किया और उसने इस बारे में अपने पिता को बता दिया था, जिसके परिणामस्वरूप कांदिवली पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज करवा दी गई।

आवेदक का कहना यह है कि उसने शिकायतकर्ता के साथ शारीरिक संबंध बनाए क्योंकि उन दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी और शिकायतकर्ता ने कभी इन संबंधों पर आपत्ति भी जाहिर नहीं की। घटना के समय शिकायतकर्ता 24 वर्ष की थी और आवेदक के अनुसार, इस तरह के संबंध स्थापित करने के लिए यह एक बालिग लड़की द्वारा उसकी पूर्ण चेतना में लिया गया निर्णय था।''

इस प्रकार, मामले के तथ्यों को देखने के बाद न्यायमूर्ति डांगरे ने कहा कि-

''आवेदक और शिकायकर्ता,दोनों बालिग हैं और शिकायतकर्ता के बयान के अनुसार शुरुआत में उसने ही दोस्ती को प्रोत्साहित किया था,जिसके बाद उनके बीच शारीरिक संबंध बन गए। वह आवेदक के साथ कई स्थानों पर गई,जहां उन दोनों के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हुए। जबकि उसने कभी आपत्ति जाहिर नहीं की। उसने जनवरी, 2019 से लेकर मार्च, 2020 के बीच इन संबंधों को पनपने दिया।

फिर एक दिन जब उनके रिश्ते में खटास आ गई तो उसने शिकायत दायर कर दी। इस शिकायत को प्रथम दृष्टया देखने से उसकी मर्जी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला नहीं बनता है। परंतु शिकायत के तथ्य आपसी सहमति की तरफ जरूर इशारा करते हैं। आवेदक को मार्च 2019 में गिरफ्तार किया गया था। शिकायत में लगाए गए आरोपों की पृष्ठभूमि में ,प्रथम दृष्टया जबरन यौन कृत्य का कोई मामला नहीं बनता है। इसलिए आवेदक जमानत पर छूटने का हकदार है।''

इस प्रकार, आवेदक की जमानत की याचिका को स्वीकार कर लिया गया है और उसे 20,000 रुपये का बांड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

केस का विवरण-

केस संख्या- जमानत आवेदन संख्या 3290/2020

केस का शीर्षक-अताउल्लाह फकरुद्दीन अंसारी बनाम महाराष्ट्र राज्य

कोरम-जस्टिस भारती डांगरे

प्रतिनिधित्व- एडवोकेट हरे कृष्ण मिश्रा व एडवोकेट संजय सिंह आवेदक के लिए,राज्य के लिए एपीपी सुश्री रुतुजा अम्बेकर।

आदेश की काॅपी डाउनलोड करें।



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