डीआरटी अहमदाबाद ने वकील पर कार से वर्चुअल सुनवाई में शामिल होने पर 10 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया
पीठासीन अधिकारी डीआरटी- I अहमदाबाद, विनय गोयल ने मंगलवार (03 नवंबर) को एक वकील विशाल गोरी पर रु.10,000 का जुर्माना लगाया क्योंकि वे अपनी कार के अंदर बैठकर वर्चुअल सुनवाई में शामिल हुए।
पीठासीन अधिकारी डीआरटी- I अहमदाबाद द्वारा जारी आदेश में कहा गया,
"आवेदक के वकील इस न्यायाधिकरण के समक्ष कार में बैठकर पेश हो रहे हैं, इसलिए, मुझे लगता है कि अपनी कार से वर्चुअल सुनवाई में भाग लेने के लिए श्री गोरी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाना न्यायसंगत है।"
कोर्ट ने 2020 के आवेदन संख्या 13094 में मनसुखभाई पोलाभाई धाडुक बनाम गुजरात राज्य एमआईएससी मामले पर दिए गए गुजरात उच्च न्यायालय के निर्णय पर विश्वास जताया, जिसमें कहा गया था-
इस मामले को ध्यान में रखते हुए और अधिवक्ता श्री जेवी अजमेरा के इस तरह के गैर जिम्मेदाराना आचरण को देखते हुए रजिस्ट्रार न्यायिक को उचित कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया गया है और इस न्यायालय में 10 (दस) दिनों की अवधि के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। रजिस्ट्री द्वारा उचित रिपोर्ट तैयार करने के बाद इसे बार काउंसिल ऑफ गुजरात को भेजा जाएगा। बार काउंसिल ऑफ गुजरात और बार एसोसिएशन ऑफ हाईकोर्ट वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामलों का संचालन करते समय अधिवक्ताओं को सम्मानजनक मर्यादा बनाए रखने की जानकारी देंगे। उन्हें सूचित/निर्देश दिया जाएगा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की गई कार्यवाही किसी भी वाहन या किसी खुले मैदान को छोड़कर या तो उनके संबंधित आवासों या किसी कार्यालय स्थान से होगी। अपने-अपने आवासों/कार्यालयों से कार्यवाही में भाग लेते समय वे न्यायालय को संबोधित करते समय उचित बैठने की मुद्रा भी बनाए रखेंगे।
इस मामले (मनसुखभाई पोलाभाई धाडुक) में वकील को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालती कार्यवाही के दौरान धूम्रपान करते हुए पाया गया था और इसलिए गुजरात हाईकोर्ट ने उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था ।उक्त राशि प्रस्तुत करने के बाद उन्होंने न्यायालय के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी थी। न्यायमूर्ति ए एस सुपेहिया की पीठ ने अधिवक्ता की माफी को स्वीकार कर लिया था।
जुर्माना लगाने के बाद, डीआरटी-1 अहमदाबाद के पीठासीन अधिकारी ने मामले को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया, ताकि श्री गोरी गुजरात उच्च न्यायालय के अधिदेश के संदर्भ में इस न्यायाधिकरण के समक्ष उपस्थित हो सकें।
उल्लेखनीय है कि डीआरटी-1 अहमदाबाद के पीठासीन अधिकारी ने निर्देश दिया है कि लागत राष्ट्रीय रक्षा कोष में जमा की जानी है।
आवेदक के वकील ने राष्ट्रीय रक्षा कोष के साथ दो दिनों के भीतर लागत जमा करने का कार्य किया । इसके बाद मामला 06.11.2020 तक के लिए स्थगित कर दिया गया
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