नाबालिग को कुत्तों ने नोंच कर मार डाला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रस्ताव दिया, लखनऊ नगर निगम से जवाब मांगा

Update: 2022-07-13 05:05 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में 20 से अधिक आवारा कुत्तों द्वारा हमला किए जाने के बाद आठ वर्षीय लड़के की मौत हो गई और उसकी बहन गंभीर रूप से घायल हो जाने की घटना से संबंधित स्वत: संज्ञान मामले पर सुनवाई करते हुए लखनऊ नगर निगम को हलफनामा फाइल करने के लिए कहा गया। इस हलफनामा में कोर्ट ने नगर निगम को यह बताने के लिए कहा है कि मृत बच्चे के परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवज़ा क्यों नहीं दिया जा सकता।

जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने लखनऊ नगर निगम को सड़क पर कुत्तों से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नगर निगम द्वारा कानूनी स्थिति और उसके अनुपालन के संबंध में अलग हलफनामा दाखिल करने को कहा।

निगम को स्पष्ट रूप से उन कदमों को स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट करने का निर्देश दिया गया जो न केवल शहर के नागरिकों को आवारा कुत्तों से होने वाले खतरे से बचाने के लिए है बल्कि यह भी कि क्या आवारा कुत्तों से सुरक्षा हासिल करने के लिए कोई उपाय किए जा रहे हैं।

संक्षेप में मामला

यह घटना लखनऊ के समाचार पत्रों में व्यापक रूप से प्रकाशित हुई थी जहां कुछ आवारा कुत्तों ने न केवल कम उम्र के बच्चे पर हमला किया, बल्कि उसकी बहन को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया था।

कोर्ट ने 7 अप्रैल, 2022 को हुई घटना का स्वत: संज्ञान लिया और मुख्य मेडिकल अधिकारी को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में लड़की को इलाज के लिए भर्ती कर सभी मेडिकल सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया।

इस कोर्ट ने आगे निर्देश दिया कि घायल बच्ची को बिना किसी फीस के हर संभव मेडिकल उपचार दिया जाए।

कोर्ट के निर्देश पर केजीएमयू के रजिस्ट्रार द्वारा हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया कि घायल बच्ची का उचित इलाज किया गया है।

जिस पर बच्ची के परिजनों की ओर से पेश एडवोकेट मो. कुमैल हैदर ने बच्ची के इलाज पर संतोष जताया।

कोर्ट ने शुक्रवार को कमल शर्मा द्वारा एडवोकेट अमल रस्तोगी के माध्यम से दायर स्वत: संज्ञान जनहित याचिका में हस्तक्षेप की मांग करने वाली याचिका को भी स्वीकार किया। इस याचिका में कहा गया कि आवेदक जानवरों के कल्याण से जुड़ा है और सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी एनिमल्स का सदस्य है।

आवेदन के माध्यम से पशुओं के कल्याण को लेकर कुछ आशंकाएं व्यक्त की गई हैं।

इसके अलावा, जिला मजिस्ट्रेट, लखनऊ ने न्यायालय को सूचित किया कि लखनऊ राइफल क्लब से मृत बच्चे के परिवार के सदस्यों को 1,50,000 / – रुपये की राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है।

इसे देखते हुए कोर्ट ने एडवोकेट हैदर को निर्देश दिया कि वह मृत बच्चे के पिता के बैंक खाते के सभी आवश्यक विवरण एडिशनल एडवोकेट जनरल कुलदीप पति त्रिपाठी को उपलब्ध कराएं ताकि उक्त राशि उन्हें हस्तांतरित की जा सके।

मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त, 2022 को होगी।

केस टाइटल- स्वतः संज्ञान मामला: आवारा कुत्तों द्वारा बनाया गया खतरा

ऑर्डर डाउलनोड करने के लिए यहां क्लिक करें




Tags:    

Similar News