मामलों की ई-फाइलिंग में लिप्त लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी: KHCAA सदस्यों को चेतावनी दी
केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (KHCAA) ने नौ जुलाई को एक नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई कि इसके सदस्य जो संस्था के फैसले का उल्लंघन करते हुए ई-फाइलिंग पद्धति का उपयोग करना जारी रखेंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
KHCAA ने 16 और 17 मई, 2021 को आयोजित अपनी आम सभा में निर्णय लिया था कि वे मामले दर्ज करने के लिए ई-फाइलिंग प्रणाली का सहारा नहीं लेंगे और इसके सभी सदस्य खुद को दाखिल करने के फिजिकल तरीके तक ही सीमित रखेंगे।
एसोसिएशन ने इस बात की सराहना की कि किस प्रकार अधिकांश सदस्यों ने उक्त निर्णय के कार्यान्वयन में दृढ़ रुख अपनाया।
हालांकि, यह देखते हुए कि कुछ सदस्य निर्णय की अवहेलना कर रहे है, एसोसिएशन ने घोषणा की कि "बिना किसी औचित्य के कुछ लोगों द्वारा दिखाए गए घोर अनुशासनहीनता को दृढ़ता से बहिष्कृत किया जाना चाहिए। इसके साथ ही वे केरल हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ नियम, 1971 के नियम 13ए के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई के अधीन होने के लिए उत्तरदायी हैं।"
नोटिस में कहा गया है,
'हमारे बार की ताकत हमारे बार एसोसिएशन द्वारा लिए गए सामूहिक फैसलों की एकता और मजबूत पालन पर निर्भर करती है।
तदनुसार, एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि यदि यह पाया गया कि वे अपने तरीके को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं, तो बिना किसी और नोटिस के चूक करने वाले सदस्यों के खिलाफ ऐसी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
केरल हाईकोर्ट द्वारा पेश किए गए इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग रूल्स फॉर कोर्ट्स (केरल), 2021 के कार्यान्वयन के संबंध में KHCAA द्वारा एकतरफा रुख अपनाने के बाद यह फैसला आया है। बार काउंसिल ऑफ केरल ने भी उक्त नियमों पर आपत्ति जताई थी।
एसोसिएशन ने केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उक्त नियमों को समाप्त करने की मांग की थी।
जब इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो KHCAA ने हाल ही में ई-फाइलिंग नियमों में शामिल कानूनी और तकनीकी चुनौतियों के बारे में दो विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
नोटिस डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें