"वे आपको लॉ स्कूल में क्या नहीं पढ़ाते?": धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने वर्कशॉप आयोजित की
धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने 10 और 11 दिसंबर को अपनी तरह की पहली वर्कशॉप का आयोजन किया - "वे आपको लॉ स्कूल में क्या नहीं पढ़ाते।" (What they don't teach you at law school")
वर्कशॉप का उद्देश्य लॉ स्कूलों में नहीं पढ़ाए जाने वाले बारीकियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कानून में कैरियर की संभावनाओं में छात्रों की अंतर्दृष्टि में सुधार करना था।
वर्कशॉप के अतिथि वक्ताओं में सीनियर एडवोकेट संजय घोष और एडवोकेट गौतम नारायण, सोनल मट्टू, विक्रम हेगड़े, अनुज अग्रवाल और सत्यकाम शामिल थे।
वर्कशॉप को दो दिनों के दौरान प्रत्येक वक्ता द्वारा दिए गए छह लेक्चर में विभाजित किया गया था।
इंट्रोडक्टरी लेक्चर दिल्ली हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट संजय घोष ने दिया, जहां उन्होंने छात्रों को इस विचार से परिचित कराया कि कैसे कानून के अलावा विभिन्न विषयों की समझ मुकदमेबाजी में वकील की मदद करती है।
दूसरा लेक्चर एडवोकेट सत्यकाम ने वकालत और पेशेवर नैतिकता पर दिया। तीसरा लेक्चर एडवोकेट सोनल मट्टू ने लिया, जिन्होंने यौन उत्पीड़न की रोकथाम जैसे गैर-प्रमुख क्षेत्र में करियर के बारे में बात की।
चौथा, पांचवां और छठा सेशन एडवोकेट गौतम नारायण, अनुज अग्रवाल, और विक्रम हेगड़े द्वारा सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया प्रैक्टिस, एडीआर में करियर और मुकदमों के लिए लॉजिस्टिक और टाइमलाइन पर लिया गया।
वर्कशॉप के समापन सत्र में प्रो. (डॉ.) योगेश प्रताप सिंह, कुलपति, एनएलयू त्रिपुरा सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
वर्कशॉप का आयोजन धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी , जबलपुर के इंटर्नशिप सेल और एकेडमिक आउटरीच समिति ने किया।