'आर्मी बैटल कैजुअल्टी वेलफेयर फंड' में पांच लाख जमा करें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एनडीपीएस मामले में शर्तों के साथ जमानत दी

Update: 2022-01-22 07:30 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए एक आरोपी को जमानत देते हुए हाल ही में उसे 'आर्मी बैटल कैजुअल्टी वेलफेयर फंड' के खाते में पांच लाख रूपये का बैंक ड्राफ्ट जमा करने का निर्देश दिया।

जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने आरोपी रजनीश कुमार गुप्ता को उक्त राशि जमा करने और निचली अदालत के समक्ष इसकी रसीद जमा करने को कहा।

गुप्ता पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो लखनऊ, जिला लखनऊ द्वारा धारा 8/18/29 एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8/18/29 के तरह मामला दर्ज किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया कि गुप्ता के स्वामित्व वाले एक ट्रक से 13.8 किलोग्राम अफीम बरामद की गई है।

संक्षेप में तथ्य

कथित तौर पर ट्रक लातेहार, झारखंड से बरेली होते हुए लखनऊ आ रहा था और सह आरोपी कौसर हुसैन ट्रक चला रहा था। उसने एनडीपीएस की धारा 67 के तहत अपने बयान में उक्त जानकारी दी। बयान में कहा गया कि गुप्ता ही मुख्य व्यक्ति है, जिसने ट्रक को लातेहार, झारखंड में अफीम लाने के लिए भेजा था।

एनसीबी द्वारा तर्क दिया गया कि आवेदक गुप्ता और झारखंड के लातेहार में सह-अभियुक्त, जिनसे अफीम खरीदी गई थी, के कॉल विवरण से पता चलता है कि आरोपी-आवेदक उस व्यक्ति के साथ लगातार संपर्क में था जिससे ट्रक में अफीम लाया गया था।

दूसरी ओर, आरोपी-गुप्ता ने तर्क दिया कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह जुलाई 2020 से जेल में बंद है। उसने आगे प्रस्तुत किया गया कि सह-अभियुक्त के कथित बयान के अलावा, उसके खिलाफ कोई अन्य सबूत नहीं है।

यह देखते हुए कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 67 के तहत दर्ज सह-अभियुक्त के बयान को छोड़कर आरोपी-आवेदक के खिलाफ आरोप लगाने के लिए और एनडीपीएस की धारा 37 (1-बी) के प्रावधानों पर विचार करने के लिए कोई अन्य सबूत नहीं है, कोर्ट ने आरोपी को जमानत पर रिहा करना उचित समझा।

केस का शीर्षक - रजनीश कुमार गुप्ता द्वितीय जमानत बनाम भारत संघ से होकर खुफिया अधिकारी एनसीबी लखनऊ

केस उद्धरण: 2022 लाइव लॉ (एबी) 18

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