Delhi Riots Case: हाईकोर्ट ने केस डायरियों के पुनर्निर्माण की देवांगना कलिता की याचिका खारिज की

Update: 2025-09-23 05:33 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने देवांगना कलिता द्वारा 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित केस डायरियों के पुनर्निर्माण की मांग वाली याचिका खारिज की और उन्हें संरक्षित रखने की अनुमति दी।

जस्टिस रविंदर डुडेजा ने कहा कि केस डायरी साक्ष्य नहीं है। हालांकि, इसकी अनुपस्थिति मुकदमे की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकती है, इसलिए इसे संरक्षित रखने के निर्देश दिए जा सकते हैं।

अदालत ने कहा,

"ऐसे निर्देश देने की शक्ति अनुच्छेद 21 और उसकी अंतर्निहित शक्तियों तथा CrPC की धारा 482 के तहत अनुपालन सुनिश्चित करने के अदालत के कर्तव्य से उत्पन्न होती है। इसी के मद्देनजर, केस डायरियों, विशेष रूप से खंड नंबर 9989 और 9990, के संरक्षण के लिए निर्देश जारी करने वाला 02.12.2024 का अंतरिम आदेश निरपेक्ष माना जाता है।"

हालांकि, इसमें यह भी जोड़ा गया कि अन्य पृष्ठ जो केस डायरी का हिस्सा नहीं हैं और जिनका उपयोग दिल्ली पुलिस द्वारा विभिन्न अन्य प्राथमिकियों में बयान दर्ज करने के लिए किया गया होगा, उन्हें पुनः निर्मित नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे CrPC की धारा 172 और धारा 91 के दायरे से बाहर हैं।

अदालत ने कहा,

"कोर्ट को पुलिस डायरी को केवल सहायता के लिए और रिकॉर्ड पर उपलब्ध कानूनी साक्ष्यों का मूल्यांकन करने में अपनी अंतरात्मा की संतुष्टि के लिए पढ़ने का अधिकार है। हालांकि, इससे आगे नहीं। केस डायरी में दर्ज प्रविष्टियाँ साक्ष्य नहीं हैं और न ही अभियुक्त द्वारा अदालत में उनका उपयोग किया जा सकता है, जब तक कि मामला CrPC की धारा 172(3) के दायरे में न आता हो।"

जस्टिस डुडेजा ने कलिता की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी और दिल्ली पुलिस को डायरी नंबर 9989 और 9990 का पुनर्निर्माण और संरक्षण करने का निर्देश देने की मांग की थी।

Title: DEVANGANA KALITA v. STATE NCT OF DELHI

Tags:    

Similar News