दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व सीबीआई प्रमुख एम नागेश्वर राव पर लगाया जुर्माना माफ किया, ट्विटर वेरिफिकेशन टैग हटाने के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

Update: 2022-09-08 08:19 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व प्रमुख और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एम नागेश्वर राव पर लगाया गया 25,000 रुपये का जुर्माना माफ कर दिया। इसके साथ ही हाईकोर्ट नेमाइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर उनके वेरिफाइड अकाउंट सत्यापन टैग हटाने के फैसले के खिलाफ दायर उनकी याचिका खारिज कर दी।

जस्टिस यशवंत वर्मा ने राव की ओर से दी गई बिना शर्त माफी को देखते हुए 17 मई को लगाया गया जुर्माना हटा दिया।

अदालत ने आदेश दिया,

"याचिकाकर्ता की ओर से दी गई बिना शर्त माफी को ध्यान में रखते हुए 17 मई, 2022 के आदेश के अनुसार जुर्माना हटाया जाता है।"

राव के वकील ने अदालत के समक्ष तर्क दिया:

"माई लॉर्ड्स ने याचिकाकर्ता पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। वह सिर्फ अपनी पहचान सुरक्षित करने के लिए कह रहे हैं। मैं योग्यता के आधार पर नहीं हूं। मेरी एकमात्र शिकायत यह है कि मैं एक पेंशनभोगी हूं।"

याचिका खारिज करते हुए न्यायालय का विचार था कि राव को वेरिफिकेशन के लिए फिर से आवेदन करने की स्वतंत्रता देकर 7 अप्रैल, 2022 के आदेश के द्वारा समान प्रार्थनाओं के साथ याचिका का निपटारा किया गया।

राव ने यह कहते हुए हाईकोर्ट का रुख किया कि ट्विटर पर उनके अकाउंट में ब्लू टिक है, लेकिन मार्च, 2022 में इसे हटा दिया गया।

खारिज कर दी गई याचिका में केंद्र से मंत्रालय के भीतर एक या एक से अधिक अनुपालन और शिकायत अधिकारियों को नामित करने या विशेष रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, एफबी, इंस्टाग्राम आदि के उपयोगकर्ताओं की शिकायतों को संभालने के लिए निर्देश देने की मांग की गी थी। ताकि यूजर्स की पहचान के सत्यापन सहित कानून और नियम ताकि आम जनता को अनावश्यक उत्पीड़न का शिकार न होना पड़े।

केस टाइटल: एम नागेश्वर राव बनाम भारत संघ और अन्य।

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