दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP विधायकों के एलजी और गृह मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया
दिल्ली के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के एक आदेश के संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवासों के बाहर विरोध प्रदर्शन की अनुमति से इनकार करने को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी के विधायकों आतिशी और राघव चड्ढा की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए दिल्ली पुलिस को अपना रुख रखते हुए हलफनामा दाखिल करने निर्देश दिय।
न्यायमूर्ति नवीन चावला की एकल न्यायाधीश पीठ ने दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी किए और 14 जनवरी तक AAP के दो नेताओं की याचिकाओं पर अपना पक्ष रखने को कहा।
याचिकाकरताओं ने अदालत से गुहार लगाई कि 4 लोगों को उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा 2500 करोड़ रुपये के धन के कथित दुरुपयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमति प्रदान की जाए।
अतिरिक्त स्थायी वकील गौतम नारायण द्वारा प्रस्तुत दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि डीडीएमए के आदेश के आधार पर दो AAP विधायकों को प्रचलित COVID-19 महामारी के कारण शहर में बड़ी सभाओं को प्रतिबंधित करने के कारण मना कर दिया गया था।
पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार, उसने राष्ट्रीय राजधानी में आवासीय क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शनों और धरनों पर रोक लगाने के लिए एक स्थायी आदेश जारी किया है।
प्रासंगिक अधिकारियों की आवश्यक अनुमति न होने के बावजूद योजनाबद्ध विरोध के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करने के कारण विधायकों को अन्य AAP नेताओं के साथ पुलिस द्वारा 13 दिसंबर को हिरासत में लिया गया था।
विधायकों की ओर से पेश हुए वकील सात्विक वर्मा ने हालांकि कहा कि डीडीएमए के आदेश ने गृह मंत्रालय के आदेश का भी हवाला दिया था, जिसमें COVID-19 के बीच राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति दी गई थी और धीरे-धीरे राजनीतिक मण्डली खोलने की भी अनुमति दी गई थी। वह भी केवल एक सीमित अवधि के लिए, विधायक चाहते थे कि 'शहर में हर कोई जो कर रहा है, उसके साथ समानता का व्यवहार किया जाए।'