दिल्ली हाईकोर्ट ने एक्टर नागार्जुन के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा की, उनके नाम और इमेज के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगाई

Update: 2025-10-01 04:18 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने तेलुगु एक्टर नागार्जुन अक्किनेनी के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए अंतरिम आदेश पारित किया। इस आदेश के तहत विभिन्न संस्थाओं को उनकी सहमति या अनुमति के बिना उनकी इमेज, नाम, आवाज़ या उनके व्यक्तित्व के अन्य तत्वों का आर्थिक लाभ के लिए दुरुपयोग करने से रोका गया।

जस्टिस तेजस करिया ने विभिन्न वेबसाइटों और जॉन डो (अज्ञात संस्थाओं) को एक्टर के नाम, इमेज या उनके व्यक्तित्व के अन्य गुणों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उपयोग, शोषण या दुरुपयोग करके उनके व्यक्तित्व या नैतिक अधिकारों का उल्लंघन करने से रोका है।

प्रतिवादियों को नागार्जुन की सहमति के बिना उनके व्यक्तित्व लक्षणों का शोषण करके किसी भी व्यावसायिक या व्यक्तिगत लाभ के लिए कोई भी उत्पाद या सामग्री बनाने, शेयर करने या प्रसारित करने से रोका गया है। यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डीपफेक या फेस मॉर्फिंग सहित, लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं, तकनीकों के माध्यम से किया जा सकता है।

अदालत ने प्रतिवादी वेबसाइटों को 72 घंटों के भीतर अभिनेता की अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग वाली याचिका में उल्लिखित URL को हटाने, निष्क्रिय करने और ब्लॉक करने का भी निर्देश दिया।

इसके अलावा, अदालत ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और दूरसंचार विभाग को याचिका में उल्लिखित विवादित URL को ब्लॉक करने और निष्क्रिय करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने का निर्देश दिया।

जस्टिस करिया ने कहा कि किसी के व्यक्तित्व के अधिकारों का शोषण न केवल उसके आर्थिक हितों को बल्कि सम्मान के साथ जीने के उसके अधिकार को भी खतरे में डालता है, जिससे उसकी प्रतिष्ठा और साख को भारी नुकसान पहुंच सकता है।

अदालत ने कहा कि नाम, इमेज, समानता जैसी विशेषताओं को अनधिकृत रूप से अपनाने से जनता के मन में एक्टर के साथ जुड़ाव या उनके समर्थन को लेकर अनिवार्य रूप से भ्रम पैदा होगा।

अदालत ने कहा,

"वादी के वकील द्वारा प्रस्तुत दलीलों, दस्तावेजों और प्रस्तुतियों पर विचार करते हुए यह प्रथम दृष्टया स्पष्ट है कि प्रतिवादी नंबर 1 से 13 और 20 द्वारा वादी की अनुमति के बिना उसके नाम और छवियों सहित उसके व्यक्तित्व के गुणों का दुरुपयोग किया जा रहा है।"

अदालत ने आगे कहा,

"वादी मनोरंजन उद्योग में प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और वादी का भ्रामक, अपमानजनक और अनुचित वातावरण में चित्रण अनिवार्य रूप से वादी से जुड़ी साख और प्रतिष्ठा को कमज़ोर करेगा।"

इससे पहले हाईकोर्ट अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, अमिताभ बच्चन और अनिल कपूर जैसे बॉलीवुड एक्टरों ने अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए इसी तरह के मुकदमे दायर किए।

इसी तरह फिल्म निर्माता और निर्माता करण जौहर ने भी इसी तरह का मुकदमा दायर किया। जस्टिस करिया ने जौहर को राहत देते हुए उनके खिलाफ वीडियो, मीम्स और सोशल मीडिया पोस्ट सहित "अपमानजनक सामग्री" हटाने का आदेश दिया।

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने हाल ही में एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा करते हुए आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया कि किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत गुणों का अनधिकृत उपयोग निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है और सम्मान के साथ जीने के अधिकार को कमज़ोर करता है।

एक समन्वय पीठ ने विभिन्न संस्थाओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) सहित तकनीकी डिवाइस का उपयोग करके एक्ट्रेस के नाम और इमेज जैसी व्यक्तिगत विशेषताओं का दुरुपयोग करने से रोक दिया था।

इस बीच उनके एक्टर-पति अभिषेक बच्चन के इसी तरह के मुकदमे में अदालत ने विभिन्न संस्थाओं को उनकी सहमति या अनुमति के बिना उनकी छवि, नाम, आवाज़ या उनके व्यक्तित्व के अन्य तत्वों का मौद्रिक लाभ के लिए दुरुपयोग करने से रोककर उनके व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा की।

समन्वय पीठ ने कहा कि बच्चन को भ्रामक, अपमानजनक या अनुचित परिस्थितियों में चित्रित करने के लिए तकनीक का उपयोग उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है।

Title: Akkineni Nagarjuna v. X & Ors

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