मीडिया में जानकारी लीक करने का आरोप लगाने वाली दिशा रवि की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने NBSA, टाइम्स नाऊ, न्यूज़ 18 को नोटिस जारी किया, पुलिस से हलफनामा मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक्टिविस्ट दिशा रवि द्वारा दायर उस याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्होंने दिल्ली पुलिस को टूलकिट मामले में उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर से संबंधित जांच सामग्री को लीक करने से रोकने की मांग की थी।
हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को शुक्रवार सुबह इस मामले में एक जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रस्तुत किया कि जांच में कुछ भी लीक नहीं हुआ है।
एसजी ने खंडपीठ को बताया,
"हमारी तरफ से कोई लीक नहीं हुई है। इसके लिए हम एक हलफनामा भी दायर कर सकते हैं। कुछ भी साझा नहीं किया जा रहा है। यह मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक प्रोपेगैंडा है।"
वहीं दिशा रवि की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल ने जोर देकर कहा कि यह दिल्ली पुलिस है, जिसने आपराधिक मामले की गोपनीय जानकारी मीडिया को लीक कर दी है।
सिब्बल ने पेश किया,
"वे कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन तथ्य कुछ और ही बता रहे है। दिशा रवि को 13 तारीख को गिरफ्तार किया गया था और पुलिस द्वारा उसकी सभी सामग्री जब्त कर ली गई थी... मीडिया खुद बता रहा है कि उन्हें पुलिस से रिकॉर्ड मिला है, वे इन रिकॉर्डों को कैसे हासिल कर रहे हैं?"
उन्होंने जोड़ा,
"यह एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण मामला है जहां मीडिया कुछ हज़ार टीआरपी हासिल करने के लिए नागरिकों के मौलिक अधिकारों को रौंद रहा है। 22 साल की एक युवती को गिरफ्तार किया गया है और इसे मीडिया का ध्यान आकर्षित करने का आह्वान कहा जा रहा है?"
टूलकिट मामले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार और 5 दिन के लिए रिमांड पर भेजी गई 22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर दिल्ली पुलिस को उसके खिलाफ गई जांच को सेल, मीडिया सहित किसी भी तीसरे पक्ष को उसके द्वारा निजी चैट / संचार की कथित सामग्री सहित किसी भी जांच सामग्री को लीक करने से रोकने की मांग की थी।
रवि द्वारा दायर याचिका में सूचना और प्रसारण मंत्रालय को टाइम्स नाउ, इंडिया टुडे और न्यूज 18 के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के निर्देश देने की भी मांग की गई थी।
इसके अलावा याचिका में इस मामले में रिपोर्टिंग कर रहे अन्य सभी टीवी चैनल के खिलाफ भी यह कहते हुए कार्रवाई की मांग की गई है कि ये चैनल रवि की निजता और "एक निष्पक्ष जांच के लिए उसके अधिकार का घोर उल्लंघन थी। साथ ही निर्दोषता के अनुमान के अधिकार का भी उल्लंघन करते थी।"
रवि ने प्रस्तुत किया है कि समाचार चैनलों की ओर से अवैध कार्यों और चूक ने संविधान का अनुच्छेद 21 के तहत उनकी निजता के मौलिक अधिकार, प्रतिष्ठा के अधिकार, उनकी गरिमा और न्याय प्रशासन के परिणामी प्रभाव और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन किया है।
इसलिए उसने अदालत को उसके और तीसरे पक्षों के बीच किसी भी कथित निजी चैट (व्हाट्सएप चैट सहित) के अर्क सहित, ऐसी "गोपनीय" सामग्री को प्रकाशित करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की थी।
रवि ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उन्हें पूरी तरह से गैरकानूनी और बिना आधार के बेंगलुरु में "टूलकिट" एफआईआर के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और अपने संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले में ट्रांजिट रिमांड प्राप्त किए बिना रात भर की यात्रा के बाद नई दिल्ली लाया गया था।
वह गिरफ्तारी और चल रही जांच के दौरान हो रहे "मीडिया ट्रायल" पर गंभीर रूप से दुखी है, क्योंकि यह सब बहुत पक्षपातपूर्ण है।
उन्होंने शिकायत की थी कि "लीक हुए खोजी मामले और पूर्वाग्रही प्रेस ब्रीफिंग" के आधार पर न्यूज18, टाइम्स नाउ, इंडिया टुडे इत्यादि जैसे मीडियाघरों द्वारा उन पर स्पष्ट रूप से हमला किया जा रहा है।