टेलिकॉम नेटवर्क के माध्यम से होने वाली फिशिंग से अपने ग्राहकों बचाने के लिए पेटीएम की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया

Update: 2020-06-05 09:54 GMT

पेटीएम की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि उसके ग्राहकों को एमटीएनएल, जियो, बीएसएनएल, वोडाफ़ोन, एयरटेल आदि टेलिकॉम कंपनियों के माध्यम फिशिंग (यूज़र नेम पासवर्ड चुराना) का शिकार बनाया जा रहा है और उनकी सुरक्षा के लिए ही उसने यह याचिका दायर की है।

न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जलान की खंडपीठ ने दूरसंचार विभाग (दूर संचार मंत्रालय), भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण और उपरोक्त मोबाइल नेटवर्क्स को नोटिस जारी किया है।

याचिका में कहा गया है कि धोखाधड़ी करने वाले याचिककर्ता के प्रतिनिधि होने का दावा करते हैं और अवांछित वाणिज्यिक संदेशों, एसएमएस या वॉइस कॉल से याचिककर्ता के ग्राहकों को फंसाते हैं ताकि वे उन्हें संवेदनशील जानकारियाँ दे दें, ताकि वे ग्राहकों के खाते से पैसे उड़ा सकें।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह दूरसंचार सेवा प्रदाताओं का क़ानूनी कर्तव्य है कि वे इस तरह के फ़र्जीवाड़े को रोकें।

दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां अपने विपणन विभाग में लोगों को रखने से पहले उनका उचित सत्यापन नहीं करतीं जिसकी वजह से ये लोग याचिकाकर्ता और उसकी सहायक कंपनियों से जुड़े ग्राहकों के ख़िलाफ़ फ़ीशिंग गतिविधियों को अंजाम देते हैं।

याचिका में कहा गया है कि दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने भी क़ानून का उल्लंघन करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई कारने के अपने वैधानिक कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है।

याचिकाकर्ता ने मांग की है कि किसी यूटीएम द्वारा अवांछित यूसीसी भेजना ग्राहकों के मौलिक और निजता के अधिकारों का उल्लंघन करता है और यह वैध व्यवसाय भी नहीं है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि उपभोक्ताओं के हितों और अधिकारों की रक्षा करने के ट्राई के उद्देश्यों का भी इससे उल्लंघन होता है। 

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