दिल्ली कोर्ट ने मानहानि मामले में सत्येंद्र जैन समेत आम आदमी पार्टी के 5 नेताओं को समन जारी किया

Update: 2022-02-17 04:34 GMT

दिल्ली कोर्ट (Delhi Court) ने भाजपा (BJP) नेता छैल बिहारी गोस्वामी द्वारा दायर मानहानि मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के पांच नेताओं सत्येंद्र जैन, आतिशी मार्लेना, राघव चड्ढा, दुर्गेश पाठक और सौरभ भारद्वाज को समन जारी किया है।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडेय का प्रथम दृष्टया विचार है कि आरोपियों ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 34 के साथ पाठित धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत अपराध किया है।

अदालत ने आदेश दिया,

"आरोपी व्यक्तियों को 14.03.2022 को दोपहर 2.00 बजे पीएफ दाखिल करने पर एसएचओ पीएस सिविल लाइंस के माध्यम से समन जारी किया जाए।"

शिकायतकर्ता छैल बिहारी गोस्वामी ने आरोप लगाया कि आगामी नगर निगम चुनाव जीतने के सामान्य इरादे से आरोपी व्यक्ति आम जनता को गुमराह कर रहे हैं और कथित तौर पर खुद सहित भाजपा के पार्षदों की नकारात्मक छवि बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार बेईमान इरादे से और आगामी नगर निगम चुनावों में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए तीनों निगमों को लगभग 13,000 करोड़ रुपये की राशि जारी नहीं कर रही है ताकि विकास कार्य नहीं किए जा सकें।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि दुर्गेश पाठक ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने गलत और भ्रामक बयान दिया जो कि प्रकृति में मानहानिकारक है।

शिकायतकर्ता के अनुसार, पाठक ने दावा किया कि नॉर्थ एमसीडी में 1400 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया गया है और बीजेपी पार्षदों ने अवैध रूप से वसूले हैं।

उक्त बयान को आम आदमी पार्टी के फेसबुक पेज पर लाइव स्ट्रीम किया गया और समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया था।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पाठक ने यह मानहानिकारक बयान भी ट्वीट किया था कि भाजपा नेताओं ने कर्मचारियों के वेतन में 2500 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है।

इसके अलावा, शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि सत्येंद्र जैन ने भी इसी तरह का मानहानिकारक बयान दिया, जो दैनिक जागरण अखबार में प्रकाशित हुआ था। इसी तरह के आरोप अन्य आरोपितों पर भी लगाए गए हैं।

इस प्रकार शिकायतकर्ता का मामला था कि आम जनता की नज़र में शिकायतकर्ता के नैतिक और बौद्धिक चरित्र को कम करने के बेईमान इरादे से आरोपी व्यक्तियों ने आरोप लगाया जो प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में व्यापक रूप से प्रकाशित हुआ था।

रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री को देखते हुए न्यायालय ने आदेश दिया,

"मैंने शिकायतकर्ता की ओर से दिए गए विस्तृत तर्कों को सुना है। गवाहों के बयान का अध्ययन किया है, जिनकी शिकायतकर्ता द्वारा पूर्व समन साक्ष्य में जांच की गई थी और दस्तावेजों को पेश किया गया था और पूर्व समन साक्ष्य में साबित किया गया था। न्यायालय का विचार है कि प्रथम दृष्टया सत्येंद्र जैन, आतिशी मार्लेना, राघव चड्ढा, दुर्गेश पाठक और सौरभ भारद्वाज नाम के आरोपियों ने आईपीसी की धारा 34 के साथ पठित धारा 499/500 के तहत दंडनीय अपराध किया है।"

केस का शीर्षक: छैल बिहारी गोस्वामी बनाम सत्येंद्र जैन व अन्य।

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