दिल्ली कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

Update: 2023-07-20 08:17 GMT

Sexual Harassment Case

दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों द्वारा दायर यौन उत्पीड़न मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की जमानत याचिका पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रखा।

राउज़ एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने भी सह-अभियुक्त विनोद तोमर की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा।

एपीपी अतुल श्रीवास्तव ने पहले दोहराया कि जमानत देते समय शर्तें लगाई जाएंगी।

श्रीवास्तव ने कहा,

"वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए यह शर्त लगाई जा सकती है।"

आदेश में अदालत ने दर्ज किया,

"...एपीपी का कहना है कि वह न तो जमानत याचिका का विरोध कर रहे हैं और न ही समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना केवल यह है कि अदालत को कानून, नियमों, दिशानिर्देशों और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के अनुसार जमानत याचिका पर विचार करना चाहिए।"

शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील हर्ष वोहरा ने इसी तर्ज पर कहा,

"यदि आपका माननीय जमानत देने के इच्छुक हैं तो कड़ी शर्तें लगाई जा सकती हैं।"

आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील राजीव मोहन ने कहा कि वे सभी शर्तों का पालन करेंगे।

मोहन ने कहा,

"कोई धमकी नहीं है और अगर उन्हें आशंका है तो मैं वचन देता हूं कि ऐसी कोई घटना नहीं होगी।"

कोर्ट शाम 4 बजे अपना फैसला सुनाएगी।

इस सप्ताह की शुरुआत में, अदालत ने सिंह और उनके सह-अभियुक्त विनोद तोमर को नियमित जमानत याचिका लंबित रहने के दौरान दो दिनों की अंतरिम जमानत दी थी। न्यायाधीश ने कहा था कि आरोपपत्र बिना गिरफ्तारी के दायर किया गया और आरोपियों ने "जांच में सहयोग किया।"

अदालत ने 07 जुलाई को दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लिया और सिंह और तोमर को अदालत में पेश होने के लिए बुलाया।

दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 354, 354 ए, 354 डी और 506 (1) के तहत आरोप पत्र दायर किया। हालांकि, नाबालिग पहलवान द्वारा सिंह के खिलाफ दर्ज पॉक्सो मामले में रद्दीकरण रिपोर्ट दायर की गई।

बीजेपी विधायक पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यौन उत्पीड़न की कथित घटनाएं 2016 और 2019 के बीच डब्ल्यूएफआई कार्यालय, सिंह के आधिकारिक आवास और विदेश में भी हुईं।

केस टाइटल: राज्य बनाम. बृज भूषण सिंह एवं अन्य

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