दिल्ली कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में BJP सांसद बृजभूषण सिंह की याचिका खारिज की

Update: 2024-04-26 12:33 GMT

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को BJP सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न मामले में आगे की जांच की मांग की थी।

राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) प्रियंका राजपूत अब 07 मई को मामले में आरोप तय करने पर आदेश सुनाएंगी।

BJP सांसद द्वारा ताजा आवेदन दायर करने के बाद 18 अप्रैल को अदालत ने सिंह के खिलाफ आरोप तय करने पर आदेश टाल दिया था।

अपने आवेदन में सिंह ने आरोप तय करने पर आगे की दलीलें पेश करने की अनुमति मांगी। उन्होंने दिल्ली पुलिस को घटना की कथित तारीख 7 सितंबर, 2022 को डब्ल्यूएफआई कार्यालय में उनकी उपस्थिति के संबंध में जांच करने का निर्देश देने की मांग की।

उन्होंने दावा किया कि वह संबंधित तारीख पर भारत में नहीं थे। ताजा आवेदन में दिल्ली पुलिस को सीडीआर रिकॉर्ड में रखने का निर्देश देने की भी मांग की गई।

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए एपीपी अतुल श्रीवास्तव ने आवेदन का विरोध किया और कहा कि इसे देरी से दायर किया गया। उन्होंने कहा था, कुछ रुकावट होनी चाहिए।

उन्होंने तर्क दिया कि आवेदन आगे की जांच की मांग करने जैसा है और इसके कानूनी निहितार्थ होंगे जिन पर बहस करनी होगी।

शिकायतकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने कहा कि आवेदन में देरी करने की रणनीति थी और सीआरपीसी की धारा 207 के स्तर पर दस्तावेज मांगे जा सकते हैं।

सिंह इस मामले में सह-अभियुक्त विनोद तोमर, जो भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व सहायक सचिव हैं, उनके साथ जमानत पर बाहर हैं।

दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 354, 354ए, 354डी और 506(1) के तहत आरोप पत्र दायर किया। हालांकि, नाबालिग पहलवान द्वारा सिंह के खिलाफ दर्ज POCSO मामले में रद्दीकरण रिपोर्ट दायर की गई।

BJP सांसद पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यौन उत्पीड़न की कथित घटनाएं 2016 और 2019 के बीच डब्ल्यूएफआई कार्यालय, सिंह के आधिकारिक आवास और विदेश में भी हुईं।

केस टाइटल: राज्य बनाम बृज भूषण सिंह एवं अन्य

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