दिल्ली बार काउंसिल ने केपीएमजी, पीडब्ल्यूसी, अर्न्स्ट एंड यंग और डेलॉइट इंडिया को लॉ प्रैक्टिस नहीं करने के निर्देश दिए

Update: 2021-12-29 04:12 GMT

दिल्ली बार काउंसिल (Delhi Bar Council) ने बिग फोर अकाउंटिग फर्म-केपीएमजी, पीडब्ल्यूसी, अर्न्स्ट एंड यंग और डेलॉइट इंडिया को अगले आदेश तक लॉ प्रैक्टिस नहीं करने के निर्देश दिए हैं।

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक केपीएमजी के मैनेजिंग पार्टनर, पीडब्ल्यूसी के चेयरमैन दीपक कपूर, ई एंड वाई के रीजनल मैनेजिंग पार्टनर राजीव मेमानी और डेलॉयट इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर को नोटिस दिए गए हैं। काउंसिल ने इसके साथ ही इन चार वैश्विक ऑडिट फर्मों को उनके कार्यालय में उनके द्वारा नियुक्त किए गए सभी अधिवक्ताओं की सूची भेजने को कहा है।

दिल्ली बार काउंसिल ने यह निर्देश सोसाइटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स के अध्यक्ष ललित भसीन द्वारा दायर एक शिकायत पर पारित किए, जो देश में 100 से अधिक लॉ फर्मों का एक प्रतिनिधि निकाय है।

भसीन ने अपनी शिकायत में कहा,

"ये सभी फर्म वास्तव में अकाउंटिंग फर्म हैं, लेकिन लॉ प्रैक्टिस करने में लगी हुई हैं।"

केपीएमजी और डेलॉयट इंडिया ने गुरुवार को नोटिस का जवाब पहले ही दे दिया है। ई एंड वाय और पीडब्ल्यूसी को नोटिस पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए क्रमशः छह सप्ताह और चार सप्ताह का समय दिया गया है। सीए चार्टर्ड एकाउंटेंट्स एक्ट द्वारा शासित होते हैं, लॉ प्रैक्टिस एडवोकेट्स एक्ट द्वारा शासित होते हैं।

दिल्ली बार काउंसिल की ओर से जारी बयान में कहा गया है,

"काउंसिल का मानना है कि इस बीच, सभी कंपनियां अगले आदेश तक ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने से परहेज करेंगी।"

बार काउंसिल ऑफ दिल्ली मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को करेगी।

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