COVID-19 की तीसरी लहर: कलकत्ता हाईकोर्ट तीन जनवरी से वर्चुअल मोड से कार्य करेगा
कलकत्ता हाईकोर्ट ने COVID-19 महामारी की आसन्न तीसरी लहर के खतरे और COVID-19 प्रभावित मामलों की संख्या में खतरनाक वृद्धि को देखते हुए तीन जनवरी से केवल वर्चुअल मोड से कार्य करने की अधिसूचना जारी की।
कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव के एक आदेश के तहत इस आशय का एक नोटिस जारी किया गया।
वर्चुअल मोड के साथ न्यायालय ने केवल जमानत से संबंधित मामलों में हाइब्रिड मोड से सुनवाई करने की अनुमति दी। जमानत मामलों में (पब्लिक प्रॉसीक्यूटर) सरकारी अभियोजकों को केस डायरी के साथ फिजिकल रूप से उपस्थित होने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा अन्य मामलों में सरकार और अन्य अधिवक्ताओं को अदालत में दस्तावेज पेश करने के लिए भी फिजिकल रूप से पेश होने की अनुमति दी गई है।
इसके अलावा, गवाह ट्रायल द्वारा वादों की सुनवाई निलंबित कर दी जाएगी और वादों में अन्य कार्यवाही जारी रहेगी।
नोटिस में जारी अन्य निर्देश इस प्रकार हैं:
1. रोटेशनल ट्रांसफरेबल ड्यूटी के साथ कर्मचारियों की उपस्थिति 66 और 2/3 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। गैर-आवश्यक विभागों को निलंबित किया जा सकता है और उनके कर्मचारियों का उपयोग आवश्यक विभागों में किया जाएगा।
2. जिला न्यायालयों में जहां तक संभव हो रोटेशनल प्रणाली का पालन किया जाएगा।
3. सर्किट में वरिष्ठतम माननीय न्यायाधीश द्वारा अनुकूलन के अधीन सर्किट बेंच में एक ही प्रणाली का पालन किया जाएगा।
कोर्ट-स्टाफ सहित संबंधित हितधारक खुद को पूरी तरह से वैक्सीनेट करेंगे और भारत सरकार, राज्य सरकार, माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सोशल-डिस्टेंसिंग और COVID-19 प्रोटोकॉल, दिशा-निर्देशों और अन्य निर्देशों का सख्ती से पालन करेंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 दिसंबर को ने निर्णय लिया कि हाईकोर्ट और जिला कोर्ट तीन जनवरी से 15 जनवरी, 2022 तक केवल वर्चुअल मोड के माध्यम से काम करेंगी।
दूसरी ओर, मद्रास हाईकोर्ट ने अदालत परिसर में अधिवक्ताओं और क्लर्कों के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने वाली नौ नवंबर की अधिसूचना के बाद अब केवल फिजिकल मोड के माध्यम से मामलों की सुनवाई करने का निर्णय लिया है।
अधिसूचना में कहा गया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर सभी वर्चुअल सुनवाई तीन जनवरी 2022 यानी सोमवार से निलंबित रहेगी। अनिवार्य फिजिकल मोड तीन जनवरी से मद्रास की प्रिंसिपल सीट और मदुरै बेंच दोनों पर लागू होगा।
नोटिस डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें