कोरोना की दूसरी लहरः दिल्ली सरकार ने राज्य में 19 अप्रैल रात से 25 अप्रैल सुबह तक लॉकडाउन की घोषणा की
दिल्ली सरकार ने COVID-19 के प्रसार को रोकने और राज्य में COVID-19 मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि के मद्देनजर, सोमवार (19 अप्रैल, 10 PM) रात से सोमवार (26 अप्रैल, सुबह 6 बजे) तक राजधानी में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज यानी सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लॉकडाउन की घोषणा की और इसे 'मिनी लॉकडाउन' कहा। लॉकडाउन के दौरान सभी आवश्यक सेवाएं चालू रहेंगी।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि दिल्ली ने एक दिन में COVID-19 मामले में सबसे बड़ा उछाल देखा, क्योंकि रविवार (18 अप्रैल) को 25,462 ताजा मामले सामने आए थे।
रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जानकारी दी थी कि दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने ट्वीट किया था,
"ऑक्सीजन की तीव्र कमी का सामना करना पड़ रहा है। तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर, दिल्ली को सामान्य आपूर्ति की तुलना में बहुत अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता है। आपूर्ति बढ़ाने के बजाय हमारी सामान्य आपूर्ति में तेजी से कमी आई है और दिल्ली के ऑक्सीजन के कोटा को अन्य राज्यों में भेज दिया गया है। इससे दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी हो गई है।
7 दिवसीय लॉकडाउन लगाने का फैसला उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच हुई बैठक में लिया गया।
दिल्ली सरकार ने इससे पहले पिछले कुछ हफ्तों में COVID-19 मामलों में निरंतर वृद्धि को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी में वीकेंड कर्फ्यू की घोषणा की थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करने के बाद यह फैसला आया था। उक्त घोषणा दिल्ली एलजी अनिल बैजल के साथ अरविंद केजरीवाल की बैठक के बाद की गई थी।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि राष्ट्रीय राजधानी में COVID-19 मामलों में खतरनाक वृद्धि के मद्देनजर, दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने 8 अप्रैल, 2021 के पहले के आदेश को जारी रखते हुए प्रस्ताव पारित लिया है कि इसमें "अत्यंत जरूरी मामले" दर्ज किए जाएंगे, जो इस साल केवल 19 अप्रैल, 2021 से प्रभावी होगा।
इसके अलावा, राष्ट्रीय राजधानी में "COVID-19 मामलों में खतरनाक वृद्धि" के मद्देनजर दिल्ली जिला न्यायालय केवल "तत्काल मामले" उठाएंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा सोमवार को जारी किए गए नोटिस में कहा गया कि ऐसे जिला न्यायालयों के समक्ष सूचीबद्ध सभी अन्य मामलों को 'एन ब्लॉक' की सूचना के साथ स्थगित कर दिया जाएगा, जिसे संबंधित जिला अधिकारियों की वेबसाइटों पर इस संबंध में अपलोड किया जाएगा।