COVID से अनाथ हुए बच्‍चे: कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुआवजे, अन्य राहत संबंधी WBCPCR की याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा

Update: 2021-12-27 12:38 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्च‌िम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (WBCPCR) की ओर से दायर एक याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। याचिका में COVID महामारी के दरमियान अनाथ हुए बच्‍चों के ल‌िए मुआवजे की मांग की गई है।

जस्टिस हरीश टंडन और जस्टिस सौमेन सेन की खंडपीठ ने WBCPCR की याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें चुनाव आयोग को प्रत्येक बच्चे को मुआवजा प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जिन्होंने फरवरी 2021 में राज्य चुनावों की घोषणा के कारण COVID-19 महामारी के दौरान अपनी जान गंवाई थी।

एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड देबाशीष बनर्जी के माध्यम से अध्यक्ष, WBCPCR द्वारा याचिका दायर की गई है और इसमें कहा गया है कि इस तथ्य के बावजूद कि फरवरी 2021 के दरमियान COVID 19 की दूसरी लहर संभावित थी और दूसरी COVID लहर के संबंध में कई संगठनों और चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा की गई भविष्यवाणियों के बावजूद, भारत के चुनाव आयोग ने 26 फरवरी, 2021 को अभूतपूर्व आठ-चरण में पश्चिम बंगाल के विधान सभा चुनावों की अनुसूची की घोषणा की थी।

हाईकोर्ट ने हालांकि अंतरिम आदेश के लिए कोई गुंजाइश नहीं पाई और रिट याचिका में मांगी गई राहत के आधार पर मामले की सुनवाई का फैसला किया। इस प्रकार, 13 जनवरी, 2022 या उससे पहले चुनाव आयोग से जवाब मांगा गया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 14 जनवरी, 2022 को पोस्ट किया गया।

याचिका में यह भी कहा गया है कि चुनाव आयोग ने अपने विवेक का प्रयोग‌ किए बिना लापरवाही से काम किया। आयोग ने सभी की भलाई के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करने से परहेज किया और आठ चरणों के दीर्घकालिक चुनाव की घोषणा की, जो पश्चिम बंगाल के लोगों, विशेष रूप से राज्य के बच्चों के लिए विनाशकारी साबित हुए।

केस शीर्षक - अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग बनाम भारत निर्वाचन आयोग और अन्य।

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