COVID19- 'क्या गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी सहायता प्राप्त करने के लिए FCRA खाता खोलने की समय सीमा बढ़ाई जा सकती है?': दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा

Update: 2021-05-17 05:55 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह गृह मंत्रालय से कहा कि वह विदेशी फंड प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले गैर-सरकारी संगठनों (NGO's) के लिए विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) खाता खोलने की समय सीमा 1 अप्रैल, 2021 को बढ़ाने पर विचार करें।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की पीठ दो याचिकाकर्ताओं की याचिका पर (जो तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से संचालित होने वाले गैर-सरकारी संगठन हैं) सुनवाई कर रही थी, जिसमें एसबीआई, नई दिल्ली में एफसीआरए खाता खोलने से संबंधित मुद्दा उठाया गया था।

गैर-सरकारी संगठनों की प्रस्तुतियां

गैर-सरकारी संगठनों ने प्रस्तुत किया कि विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम, 2010 की धारा 17 में सितंबर 2020 में संशोधन और अक्टूबर 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक सार्वजनिक नोटिस के साथ गैर सरकारी संगठनों के लिए भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली की मुख्य शाखा में एफसीआरए खाता खोलना अनिवार्य कर दिया।

एनजीओ ने प्रस्तुत किया कि उन्हें एफसीआरए खाता खोलने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और इसके बाद गृह मंत्रालय से प्राप्त करने में भी कठिनाई होती है क्योंकि गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना एनजीओ कोई विदेशी योगदान प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

इसलिए विदेशी योगदान प्राप्त करने की अनुमति लेने की 1 अप्रैल, 2021 की समय सीमा को छह महीने की अवधि के बढ़ाने और याचिकाकर्ताओं को FC6C प्रमाणपत्र शीघ्रता से देने लिए गृह मंत्रालय को निर्देश देने के लिए प्रार्थना की गई।

कोर्ट का अवलोकन

कोर्ट ने कहा कि एनजीओ सहित कई संगठन हैं जो अपने एफसीआरए खाते खोलने और गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदन के संबंध में न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं।

कोर्ट ने महत्वपूर्ण रूप से कहा कि,

"इन याचिकाओं में विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम की धारा 17 में संशोधन को चुनौती नहीं दी गई है, हालांकि COVID-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण कई संगठनों को विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए गृह मंत्रालय इस पर विचार करें कि क्या पहली की तय समय सीमा 1 अप्रैल, 2021 को बढ़ाया जा सकता है और यदि हां तो कब तक।"

प्रतिवादियों के वकील को निर्देश लेने का निर्देश दिया गया कि क्या गृह मंत्रालय की मंजूरी लंबित होने के बावजूद याचिकाकर्ताओं को विदेशी योगदान प्राप्त करने की अनुमति दी जा सकती है, जिससे वे विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के अनुसार अपना रिकॉर्ड को बनाए रख सकें क्योंकि इस योगदान की प्राप्ति न होने से सेवाओं का प्रतिपादन नहीं होगा, विशेष रूप से महामारी की स्थिति के दौरान जहां ऐसी सेवाओं की अत्यधिक आवश्यकता है।

आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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