COVID 19 के बीच अदालती कामकाज और वकीलों की सुरक्षाः पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल ने जरूरतमंद वकीलों की मदद के लिए 100 करोड़ की वित्तीय सहायता मांगी
COVID मामलों में हो रही वृद्धि के मद्देनजर, पंजाब और हरियाणा के बार काउंसिल ने शुक्रवार (30 अप्रैल) को आयोजित आकस्मिक बैठक में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में अदालतों के कामकाज और अधिवक्ताओं की सुरक्षा के संबंध में कदम उठाने का निर्णय लिया है।
संकल्प 1
परिषद ने "स्टेरॉयड, ऑक्सीजन आवश्यकताओं, वेंटिलेशन केयर आदि की भारी कमी को स्वीकार किया" और यह कि "यहां तक कि अस्पताल भी पूरी तरह से भरे हुए हैं, जिससे मौतों का आंकड़ा हृदयविदारक हो गया है।"
यह भी कहा गया है कि अदालतों में आधा कामकाज होने के कारण, अधिवक्ताओं को अपने परिवार की देखभाल करने में मुश्किल हो रही है और यह कि यदि किसी भी आदलत के कामकाज पर कोई निलंबन/ लॉकडाउन फिर से लगाया गया, तो दोबार काम शुरु कर पाना बेहद मुश्किल होगा।
अध्यक्ष श्री मिंदरजीत यादव, ने सदन को बताया कि कोविड-19 संक्रमण के कारण 100 से अधिक अधिवक्ताओं ( यह संख्या रोजना बढ़ रही है) की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो गई है और कई पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में अस्पताल खोज रहे हैं, ताकि वो भर्ती हो सकें। पारिषद ने कहाकि उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाया जाना चाहिए।
सदन को यह भी बताया गया कि 100 से अधिक न्यायिक अधिकारियों और 400 से अधिक कर्मचारियों /कोर्ट स्टाफ को कोविड पॉजिटिव पाया जा चुका है।
परिषद ने वर्तमान स्थिति से अवगत कराने के लिए मुख्य न्यायाधीश को तुरंत पत्र लिखने का संकल्प लिया और उनसे अनुरोध किया कि वे अपनी बुद्धि और उपलब्ध विशेषज्ञता के अनुसार सभी अधिवक्ताओं और उनके परिवारों की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं।
काउंसिल ने मामलों की भौतिक सुनवाई पर जोर नहीं देने का संकल्प लिया है और कहा कि इस अभूतपूर्व स्थिति के दौरान कम से कम 15 दिनों के लिए केवल सबसे जरूरी मामलों की सुनवाई की जानी चाहिए क्योंकि माननीय न्यायाधीशों, अधिकारी, वकील, पैरालीगल स्टाफ, कोर्ट स्टाफ, और वादियों की की सुरक्षा के लिए और कोविड-19 के संक्रमण को तोड़ने का यही एकमात्र तरीका है।
संकल्प 2
इलेक्शन ट्रिब्यूनल से यह अनुरोध करने का फैसला किया गया कि कि महामारी की मौजूदा परिस्थितियों पर विचार करें और जब तक स्थिति में सुधार न हो जाए, तब तक बार में चुनाव कराने के आदेश को निलंबित रखें।
संकल्प 3
परिषद ने संकल्प लिया कि जरूरतमंद अधिवक्ताओं की आर्थिक मदद के लिए पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ यूटी की सरकारों से बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा को 100 करोड़ रुपए की मदद दिलाई जाए।
परिषद ने इस संबंध में संबंधित राज्य सरकारों को पत्र लिखने का संकल्प लिया, जैसा कि दिल्ली और कर्नाटक राज्य में किया गया है।
इसके अलावा अतुल नंदा, एडवोकेट जनरल, पंजाब को ट्रस्टी कमेटी (पंजाब) की ओर कोविड फंड के रूप में एक करोड़ रुपए जारी करने का अनुरोध किया गया, जैसा कि हरियाणा ने किया है। अतुल नंदा ने कहा कि वह मामले को प्राथमिकता के आधार पर पंजाब सरकार के समक्ष उठाएंगे।
काउंसिल ने अध्यक्ष पंजाब और हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्रियों और चंडीगढ़ के प्रशासक को इस संबंध में अवगत करने के लिए कहा।
इसके अलावा, यह तय किया गया कि काउंसिल अधिवक्ताओं की सहायता के लिए एक 24 * 7 हेल्पलाइन शुरू करेगा। काउंसिल चंडीगढ़ स्थति लॉ भवन ऑफिस को टर्शियरी मेडिकल केयर सेंटर में बदलने पर विचार किया।
परिषद ने अधिवक्ताओं और उनके परिजनों के बीच कोविड के संबंध में जागरूकता अभियान शुरू करने का भी संकल्प किया।
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