Delhi Riot Case: चार मामलों में सबूतों के अभाव में कोर्ट ने एक सप्ताह में 30 लोगों को किया बरी
दिल्ली कोर्ट ने हाल ही में 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के संबंध में दर्ज चार अलग-अलग FIR में 30 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी किया। इन FIR में तीन लोगों की हत्या और एक मेडिकल शॉप में लूटपाट और आगजनी शामिल है।
एडिशनल सेशन जज पुलस्त्य प्रमाचला ने 13 मई, 14 मई, 16 मई और 17 मई को एक सप्ताह में चार बरी करने के आदेश पारित किए।
गोकलपुरी थाने में दर्ज FIR 37/2020, 36/2020 और 114/2020 के साथ-साथ करावल नगर थाने में दर्ज FIR 64/2020 में भी आरोपियों को बरी किया गया।
बरी किए गए लोगों में लोकेश कुमार सोलंकी, पंकज शर्मा, सुमित चौधरी, अंकित चौधरी, प्रिंस, पवन कुमार, ललित कुमार, ऋषभ चौधरी, जतिन शर्मा, विवेक पंचाल, हिमांशु ठाकुर, टिंकू अरोड़ा, संदीप कुमार, साहिल, मुनेश कुमार, सुमित, पप्पू, विजय अग्रवाल, सौरव कौशिक, भूपेंद्र पंडित, शक्ति सिंह, सचिन कुमार, राहुल, योगेश शर्मा, अमन, विक्रम, राहुल शर्मा, रवि शर्मा, दिनेश शर्मा और रंजीत राणा शामिल हैं।
13 मई को जज ने दंगों के दौरान आमिर अली नामक व्यक्ति की हत्या के लिए ASI द्वारा दर्ज FIR 37/2020 में 14 लोगों को बरी कर दिया।
अदालत ने उन्हें दंगा, गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने और हत्या के अपराधों से बरी कर दिया। हालांकि, इसने एक आरोपी लोकेश कुमार सोलंकी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153ए और 505 के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया।
अन्य तीन मामलों में अभियोजन पक्ष किसी भी उचित संदेह से परे उनके अपराध को साबित नहीं कर सका, क्योंकि सबूतों के अभाव में आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।
FIR 114/2020 इमरान शेख की शिकायत पर दर्ज की गई, जिसमें उनकी मेडिकल दुकान में लूट और आगजनी का आरोप लगाया गया।
FIR 64/2020 शाहबाज नामक व्यक्ति की हत्या से संबंधित है, जिस पर दंगों के दौरान बेरहमी से हमला किया गया और उसे जिंदा जला दिया गया था। यह मामला ASI के बयान के आधार पर दर्ज किया गया था।
FIR 36/2020 अकील अहमद नामक व्यक्ति की हत्या से संबंधित है। उसकी मौत का कारण सिर पर कुंद बल के प्रभाव से हुई चोट के कारण सदमे को बताया गया था। मामला भी ASI के बयान के आधार पर दर्ज किया गया था।