न्यायिक हिरासत रह रही सरोगेट मां से अपने 3 दिन के बच्चे की कस्टडी की मांग को लेकर दंपत्ति ने गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया

Update: 2022-06-24 11:03 GMT

गुजरात हाईकोर्ट

3 दिन के बच्चे के इच्छित माता-पिता ने सरोगेट मां से बच्चे की कस्टडी की मांग करते हुए गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया है। सरोगेट मां वर्तमान में एक आपराधिक अपराध के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में है।

दरअसल दंपति (जैविक माता-पिता) ने सरोगेसी का विकल्प चुना था और एक 31 वर्षीय तलाकशुदा महिला के साथ एक सरोगेसी समझौता किया था। हालांकि, गर्भावस्था की अवधि के दरमियान, सरोगेट मां को एक आपराधिक मामले में फंसाया गया और साबरमती सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

20 जून, 2022 को सरोगेट मां को प्राकृतिक प्रसव पीड़ा हुई क्योंकि नियत तारीख नजदीक आ रही थी और उसे उसकी चिकित्सा स्थिति को देखते हुए सिविल अस्पताल अहमदाबाद ले जाया गया।

अब अगले दिन दोपहर करीब साढ़े बारह बजे उसने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया। अब सरोगेसी समझौते के अनुसार, यह निर्णय लिया गया था कि बच्चे के जन्म के तुरंत बाद, वर्तमान याचिकाकर्ता को माता-पिता के रूप में हिरासत में सौंप दिया जाएगा।

बच्चे की कस्टडी वास्तव में इच्छित माता-पिता को हस्तांतरित कर दी गई थी, हालांकि, बाद में उन्हें एसपी, साबरमती जेल द्वारा एक संदेश दिया गया था कि जब तक और जब तक किसी भी अदालत का आदेश नहीं होता है, तब तक नवजात बच्ची की कस्टडी माता-पिता के साथ जारी रखने की अनुमति नहीं होगी।

नतीजतन, बच्चे की हिरासत माता-पिता से ली गई थी, अब इसके खिलाफ, माता-पिता ने गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष मौजूदा याचिका दायर की है।

याचिका में कहा गया है कि भले ही सरोगेट मां वर्तमान याचिकाकर्ताओं को कॉर्पस की कस्टडी सौंपने पर आपत्ति नहीं कर रही है, हालांकि, प्रतिवादी अधिकारी उसे कॉर्पस की कस्टडी सौंपने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। यह याचिका एडवोकेट पूनम एम मेहता के माध्यम से दायर की गई है।

केस टाइटल- एना बनाम राज्य और गुजरात और अन्य

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