राज्य द्वारा संचालित यूनिवर्सिटी में राज्यपाल के बजाए सीएम ममता बनर्जी होंगी चांसलर : बंगाल कैबिनेट में प्रस्ताव मंजूर

Update: 2022-06-06 10:36 GMT

पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने सोमवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ की जगह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सभी राज्य संचालित यूनिवर्सिटियों के चांसलर के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने राज्यपाल को प्राइवेट यूनिवर्सिटी में विजिटर के रूप में हटाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। अब राज्य के शिक्षा मंत्री उनकी जगह विजिटर होंगे।

पश्चिम बंगाल में राज्य द्वारा संचालित यूनिवर्सिटी स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन और अल्पसंख्यक मामलों जैसे विभिन्न सरकारी विभागों के अंतर्गत आते हैं।

उक्त प्रस्तावों को राज्य विधानसभा में विधेयकों के रूप में पारित किया जाना है, जहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस बहुमत में है। हालांकि, इन प्रस्तावों के प्रभाव में आने से पहले राज्यपाल की सहमति भी प्राप्त करनी होगी। 26 मई को राज्य मंत्रिमंडल ने धनखड़ की जगह ममता को चांसलर बनाने का प्रस्ताव पारित किया था।

यूनिवर्सिटियों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार के साथ राज्यपाल जगदीप धनखड़ की झड़प की पृष्ठभूमि में यह कदम उठाया गया है। खबरों के मुताबिक, धनखड़ ने पहले आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने उनकी सहमति के बिना कई कुलपति नियुक्त किए हैं।

संबंधित विकास में, पिछले महीने तमिलनाडु ने यूनिवर्सिटियों में कुलपति नियुक्त करने की राज्यपाल की शक्ति को सीमित के लिए राज्य सरकार को अधिकार देने वाला विधेयक पारित किया था। तमिलनाडु यूनिवर्सिटी कानून (संशोधन) अधिनियम, 2022, और चेन्नई यूनिवर्सिटी अधिनियम, 1923 (चेन्नई विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2022) को 25 अप्रैल, 2022 को "चांसलर" की जगह "सरकार" के साथ पारित किया गया है। यह कदम तमिलनाडु में राज्यपाल और एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार के बीच राजनीतिक संघर्ष के रूप में भी देखा गया।

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