दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका, COVID 19 मामलों के वर्गीकरण में तब्लीगी जमात और मस्जिद मरकज जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से दिल्ली सरकार को रोका जाए
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में मांग की गई है कि अदालत, दिल्ली सरकार को COVID 19 के मामलों का हवाला देते हुए 'तब्लीगी जमात' या 'मस्जिद मरकज' जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दे।
एडवोकेट एमएम कश्यप ने अपनी याचिका में दावा किया गया है कि कोरोनोवायरस मामलों को वर्गीकृत करने के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने से धार्मिक पहचान स्पष्ट होती है और सांप्रदायिक वैमनस्य बढ़ता है।
याचिकाकर्ता ने बताया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद अपने ट्वीट में इन शब्दों का इस्तेमाल किया है और दलील दी है कि इस तरह का वर्गीकरण राजधानी में सांप्रदायिक तनाव को हवा दे सकता है।
याचिका में दलील दी गई है कि हाल के दिनों के सांप्रदायिक दंगों को देखते हुए ऐसे वर्गीकरण से शहर के हालात और खराब हो सकते हैं। याचिका में कहा गया है, " यह समय की जरूरत है कि राष्ट्र कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हो और मामलों को सांप्रदायिक रंग न दिया जाए।"
याचिका में तब्लीगी जमात की घटना की सांप्रदायिक रिपोर्टिंग पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है। साथ ही याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है, जिसने COVID 19 के मामलों की धार्मिक प्रोफाइलिंग करने से सख्ती से मना किया था।
याचिकाकर्ता ने अदालत से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि दिल्ली सरकार 'तब्लीगी जमात' या 'मस्जिद मरकज' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके सांप्रदायिक आधार पर COVID 19 के मामलों का वर्गीकरण न करे।