यूएई अदालतों के दीवानी मामलों के फ़ैसले अब भारत में भी लागू होंगे

Update: 2020-01-20 05:41 GMT

अब यूएई अदालतों के दीवानी फ़ैसले भारत में भी लागू होंगे। यह घोषणा केंद्र सरकार ने शुक्रवार को की। केंद्र ने कहा कि सीपीसी की धारा 44 A के अधीन संयुक्त अरब अमीरात अब भारतीय अदालतों के फ़ैसलों को भी लागू करेगा।

इसका मतलब यह हुआ कि यूएई की बड़ी अदालतों के फ़ैसले अब भारत में भी वैसे ही लागू होंगे जैसे भारत के स्थानीय अदालतों के फ़ैसले लागू होते हैं।

सरकार यूएई के निम्नलिखित अदालतों को वरीय अदालत का दर्जा दिया है :

(1) फ़ेडरल कोर्ट

(a) फ़ेडरल सुप्रीम कोर्ट

(b) अबू धाबी, शारजाह, अजमान, उम अल क्वेन और फुजैरा के फ़ेडरल, प्रथम दृष्ट्या और अपीली अदालत

(2) स्थानीय अदालतें

(a) अबू धाबी न्यायिक विभाग

(b) दुबई की अदालतें

(c) रास अल ख़ैमा के न्यायिक विभाग

(d) अबू धाबी ग्लोबल मार्केट्स की अदालतें

(e) दुबई इंटेरनेशल फ़ायनैन्शल सेंटर की अदालतें

विदेशी अदालतों के फ़ैसले का साक्ष्यात्मक मूल्य भारतीय अदालतों में तब तक नहीं है जब तक कि उन्हें ऐसा देश नहीं घोषित किया जाता है जो सीपीसी की धारा 44 A तहत भारतीय अदालतों के फ़ैसलों को लागू करने की घोषणा करते हैं। हालाँकि, यह बात सिर्फ़ दीवानी फ़ैसलों पर लागू होंगे। 



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