किसी आरोपी को सीआरपीसी की धारा 91 के तहत नोटिस जारी किया जा सकता है? दिल्ली हाईकोर्ट तय करेगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर नोटिस जारी कर सवाल उठाया कि क्या आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 91 के तहत एक आरोपी व्यक्ति को नोटिस जारी किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने राज्य सरकार से जवाब मांगा और उसे अगली सुनवाई की तारीख 22 अक्टूबर से पहले एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
याचिका में सात सितंबर, 13 सितंबर और 17 सितंबर, 2021 को सीआरपीसी की धारा 91 के तहत जारी नोटिस को रद्द करने की मांग की गई।
यह परिस्थिति इस साल अगस्त में दर्ज एक एफआईआर से उत्पन्न हुई।
याचिका में अंतिम सुनवाई और याचिका के निपटारे तक उक्त आक्षेपित आदेशों पर रोक लगाने की भी मांग की गई।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णना ने कहा कि कानून के प्रावधान के तहत आरोपी व्यक्ति को सीआरपीसी की धारा 91 के तहत नोटिस जारी किया जा सकता है।
गुजरात राज्य बनाम श्यामलाल मोहनलाल चोकसी और अन्य (1965) 2 एससीआर 457 और वी एस कुट्टन पिल्लई बनाम रामकृष्णन और एनआर (1980) 1 एससीसी 264 में दिए गए फैसलों पर भरोसे किया गया, जिसमें यह कहा गया था:
"एक्सप्रेशन 'पर्सन' सेक्शन 91(1) (नई संहिता) में किसी अपराध के आरोपी व्यक्ति को अपने दायरे में नहीं लेती है, जिसका अर्थ यह होगा कि किसी आरोपी व्यक्ति को विचाराधीन वस्तु या दस्तावेज पेश करने के लिए समन जारी किया जाता है। एक जांच या ट्रायल के उद्देश्य के लिए आवश्यक या वांछनीय होगी और इस तरह पेश किया गया दस्तावेज गवाही के लिए अनिवार्य होगा और अपराध के खिलाफ संवैधानिक प्रतिरक्षा का उल्लंघन होगा।"
कोर्ट ने मामले को 22 अक्टूबर तक के लिए पोस्ट करते हुए जांच अधिकारी को सीआरपीसी की धारा 91 के तहत जारी नोटिस पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
अदालत ने स्पष्ट किया,
"हालांकि, जांच पर कोई रोक नहीं होगी।"
शीर्षक: आदित पालीचा बनाम राज्य सरकार
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