दलबदल विरोधी कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए गए मुकुल रॉय
एक बड़े घटनाक्रम में कलकत्ता हाईकोर्ट ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत दलबदल के आरोपों पर सीनियर राजनीतिक नेता मुकुल रॉय को पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया।
जस्टिस देबांगसु बसाक और जस्टिस शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने कहा कि 2021 में भाजपा के टिकट पर कृष्णानगर उत्तर सीट जीतने के बाद रॉय का भाजपा से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना पूरी तरह से दलबदल विरोधी कानून के अंतर्गत आता है और उनकी विधानसभा सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी।
अदालत ने विधानसभा स्पीकर के उस पूर्व आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें अयोग्यता याचिका पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया गया था। न्यायालय ने कहा कि ऐसे मामलों में निर्णय लेने में अनुचित देरी संवैधानिक कर्तव्य का उल्लंघन है।
भाजपा के टिकट पर 2021 में कृष्णानगर उत्तर सीट जीतने वाले रॉय चुनाव के तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अयोग्यता याचिकाएँ भाजपा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और विधायक अंबिका रॉय द्वारा दायर की गई थीं।
इस फैसले के राजनीतिक परिणाम होने की संभावना है, क्योंकि रॉय की सीट अब खाली हो गई है, जिससे उपचुनाव की संभावना बढ़ गई है।