हाईकोर्ट ने मस्जिद के बाहर नमाज़ियों के बीच हुई घातक झड़पों पर नाराजगी जताई, पुलिस को 'नियंत्रित' करने का आदेश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को एक मस्जिद के बाहर नमाज़ के समय को लेकर नमाज़ियों के दो समूहों के बीच हुई झड़पों पर चिंता व्यक्त की, जिसके परिणामस्वरूप एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और कई लोग घायल हो गए।
जस्टिस तीर्थंकर घोष ने हिंसा भड़कने पर आपत्ति जताई और स्थानीय पुलिस को मस्जिद में प्रवेश और निकास को नियंत्रित करने और उसे अपने नियंत्रण में लेने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने कहा,
"मानवता सबसे ऊपर है। कौन-सा धर्म कहता है कि आपको किसी की हत्या करनी है? धर्म में भावना, चेतना और भावनाएं शामिल हैं। यदि इनमें से किसी भी कारक को पार किया जाता है तो घृणा उत्पन्न होती है...सबसे ऊपर मानवता है।"
हाईकोर्ट एक निरंतर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उसने पहले प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच झड़पों से बचने के लिए मस्जिदों का समय निर्धारित किया था। इसने कहा कि जो हिंसा भड़की थी, वह न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप थी।
इसने जिला प्रशासन से एक रिपोर्ट मांगी। अंत में कहा कि यदि इन आदेशों का भी उल्लंघन किया गया और आगे कोई हिंसा हुई तो न्यायालय मस्जिद में सभी धार्मिक गतिविधियों को रोक देगा।