बॉम्बे हाईकोर्ट कंगना रनौत के ट्विटर अकाउंट सस्पेंड करने की मांग करने वाली याचिका पर 9 फरवरी को सुनवाई करेगा
बॉम्बे हाईकोर्ट 9 मार्च, 2021 को अभिनेत्री कंगना रनौत के ट्विटर अकाउंट को निलंबित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिका में याचिकाकर्ता ने कंगना रनौत द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानो को "आतंकवादियों" कहने पर उनके ट्विटर अकाउंट को निलंबित करने की मांग की है।
याचिकाकर्ता, जो एक वकील है, उसने अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। याचिका में दावा किया कि अभिनेत्री ने याचिका दायर किए जाने के बाद भी दिसंबर, 2020 में अपने "अपमानजनक आचरण" को नहीं रोका। उन्होंने हाल ही की एक घटना का हवाला दिया, जिसमें अभिनेत्री ने कथित तौर पर किसानों को "आतंकवादी" कहा था और किसानों के प्रदर्शन को चीन द्वारा भारत को विभाजित करने की कोशिश करार दिया था।
जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पितले की खंडपीठ ने अधिवक्ता अली काशिफ देशमुख को सुना और कानूनी दलीलों के लिए 9, मार्च 2021 को सुनवाई के लिए मामला पोस्ट कर दिया।
देशमुख ने कहा कि अदालत ने कंगना रनौत के ट्विटर अकाउंट को निलंबित करने की मांग करने वाली मेरी याचिका को स्वीकार किया और 9 मार्च, 2021 को इस याचिका पर पीआईएल के रूप में इस पर बहस होगी।
इससे पहले सुनवाई के दौरान पीठ ने देशमुख को यह बताने के लिए कहा कि उनकी याचिका को रिट याचिका के रूप में क्यों माना जाना चाहिए और एक जनहित याचिका के रूप में क्यों न माना जाए? क्योंकि उनके आपत्ति के दावे व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उसमें पूरा मुस्लिम समुदाय शामिल है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक जेपी याग्निक ने राज्य की ओर से पेश होकर याचिका को अस्पष्ट बताया और कहा कि याचिकाकर्ता को किसी भी व्यक्तिगत ठेस के बारे में कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने याचिका का विरोध किया और इसकी बर्खास्तगी की मांग की।
देशमुख ने कहा कि अभिनेत्री के ट्वीट केवल एक विशेष समुदाय के लिए निर्देशित हैं।
अपनी याचिका में देशमुख ने रानौत के अकाउंट को निलंबित करने की मांग की, जिस तरह से उसकी बहन रंगोली चंदेल के खाते को यह कहते हुए निलंबित कर दिया गया था कि देश में घृणा फैलाने के लिए इस अकाउंट का इस्तेमाल किया जा रहा था।
वकील ने मंगलवार को अदालत के समक्ष दायर अपने प्रैसिपेट में कहा,
"भारत की सुरक्षा के लिहाज से यह बेहद जरूरी है कि इस तरह नफरत फैलाने वाले को तुरंत रोका जाए ...।"
याचिका अभी प्रारंभिक स्तर पर है। अदालत में सुनवाई के दौरान किसी वकील द्वारा रानौत का प्रतिनिधित्व नहीं किया गया, क्योंकि अदालत के द्वारा उसे नोटिस जारी करना अभी बाकी है। हालांकि, जब लाइव लॉ ने अपने कानूनी प्रतिनिधि से संपर्क किया, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।