बॉम्बे हाईकोर्ट ने पोस्को एक्ट के तहत दर्ज यौन उत्पीड़न की एफआईआर को रद्द किया, बालिग हो चुकी पीड़िता आरोपी से करेगी विवाह
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में पोस्को एक्ट के तहत दर्ज एक एफआईआर को रद्द कर दिया।
एफआईआर में पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट का आरोप लगाया गया था, हालांकि पीड़ित लड़की (अब बालिग) का कहना है कि वह और आरोपी कथित रूप से प्यार में थे और अब वे शादी करने वाले हैं।
जस्टिस प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस एसएम मोदक ने कहा, "हम उनके भविष्य पर विचार करके केवल एफआईआर को रद्द करने के अनुरोध को स्वीकार करने के इच्छुक हैं। यदि अभियोजन अभी भी बना रहता है, तो यह उनके शांतिपूर्ण जीवन को प्रभावित करेगा।"
पीड़ित लड़की के पिता अमरदास पी भल्ला ने आवेदक द्वारा अपनी नाबालिग बेटी के यौन शोषण और यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद आवेदक पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पोस्को एक्ट की धारा 4 के तहत एफआई आर दर्ज की गई। उसे गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस ने आरोप पत्र भी दाखिल किया, जो ठाणे की विशेष अदालत में लंबित है।
पीड़ित लड़की, जो अब एक बालिग है, उसने एक हलफनामा दायर कर कहा कि वे एक-दूसरे से प्यार करते हैं। अब उन्होंने अपने-अपने करियर में सेटल होने के बाद शादी करने का फैसला किया है। उसके माता-पिता ने भी एफआईआर दर्ज करते समय गलतफहमी का स्पष्टीकरण देते हुए हलफनामा दायर किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी और आवेदक के बीच दोस्ती को स्वीकार कर लिया है।
पीड़ित लड़की ने पुलिस और मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज अपने बयान के बारे में स्पष्टीकरण देने की कोशिश की। उसने आरोप लगाया कि उसे ये बयान देने के लिए सिखाया गया था। हालांकि उक्त स्पष्टीकरण को स्वीकार किए बिना, जज रद्द करने की प्रार्थना को स्वीकार करने के लिए इच्छुक थे क्योंकि दोनों शादी करने के लिए सहमत हो गए हैं।
न्यायाधीशों ने उल्लेख किया कि पीड़ित-लड़की ने रद्द करने के लिए कोई आपत्ति नहीं दी है। उन्होंने आगे यह भी नोट किया कि आवेदक पीड़ित-लड़की के साथ शादी करने को तैयार है और इस आशय का एक वचन दिया है। उनकी संभावनाओं को देखते हुए अदालत ने एफआईआर रद्द कर दी।
केस टाइटल: नौमान सुलेमान खान बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य