बॉम्बे हाईकोर्ट ने गैरान भूमि पर दो लाख से अधिक अतिक्रमणों पर चिंता व्यक्त की, राज्य से रोडमैप तैयार करने को कहा

Update: 2022-10-07 05:45 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार द्वारा सूचित किए जाने पर चिंता व्यक्त की कि राज्य में सरकारी स्वामित्व वाली गैरान भूमि (Grazing Lands) पर 2,22,153 अवैध निर्माण हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ऐसी भूमि पर कोई और अतिक्रमण न हो।

अदालत ने राज्य द्वारा दायर हलफनामे का हवाला देते हुए निर्देश दिया,

"सबसे खतरनाक विशेषता तीसरी तालिका में पाई जाती है, जो बताती है कि गैरान भूमि पर 2,22,153 अवैध निर्माण हैं और अनुमानित अतिक्रमण क्षेत्र 10,089 हेक्टेयर है।"

अदालत ने जून, 2022 में इस मुद्दे के बारे में अन्य जनहित याचिका खारिज करते हुए गैरान भूमि पर अतिक्रमण का स्वत: संज्ञान लिया। अदालत ने उस जनहित याचिका में पाया कि याचिकाकर्ता जनहित याचिका की आड़ में वकील के खिलाफ व्यक्तिगत कारण का पीछा कर रहा है।

हालांकि, अदालत ने कहा कि वह सरकार की गैरान भूमि पर बड़े पैमाने पर हुए अतिक्रमण से आंखें नहीं मूंद सकती और इसका स्वत: संज्ञान लिया।

इससे पहले की सुनवाई में अदालत ने राज्य को जगपाल सिंह और अन्य बनाम पंजाब राज्य और अन्य में फैसले के अनुपालन के बारे में अदालत को सूचित करने का निर्देश दिया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को ग्राम सभा/ग्राम पंचायत की जमीन पर अनधिकृत कब्जाधारियों को बेदखल करने के लिए योजनाएं तैयार करने का निर्देश दिया।

राजस्व और वन विभाग के संयुक्त सचिव आर.एस. चव्हाण द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया कि 12 जुलाई, 2011 से 15 सितंबर, 2022 के बीच गैरान भूमि पर 24,513 अतिक्रमण हटा दिए गए। इसके अलावा, 12,652 अतिक्रमण 12 जुलाई, 2011 तक नियमित किए गए।

चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस माधव जामदार की खंडपीठ ने कहा कि हलफनामे में वह आधार नहीं दिया गया, जिसके आधार पर 12,652 संरचनाओं को नियमित किया गया। इसके अलावा, यह इंगित नहीं करता है कि राज्य सरकार 2,22,153 अतिक्रमणों को हटाने और 10,089 हेक्टेयर भूमि को मुक्त करने के लिए क्या कदम उठाने पर विचार कर रही है।

अदालत ने कहा कि जगपाल सिंह बनाम पंजाब राज्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का केवल आंशिक अनुपालन हुआ।

अदालत ने राज्य सरकार से एक और हलफनामा दाखिल करने को कहा, जिसमें बताया गया कि किस आधार पर 12,652 अतिक्रमणों को नियमित किया गया। इसने आगे निर्देश दिया कि राज्य सरकार जगपाल सिंह में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित तरीके के अलावा किसी भी अन्य अतिक्रमण को नियमित नहीं करेगी।

राज्य को इस साल के अंत तक सभी अतिक्रमणों को हटाने की सुविधा प्रदान करने के लिए रोड-मैप प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया।

कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 नवंबर, 2022 को तय की।

केस टाइटल- हाईकोर्ट ऑन इट्स ऑन मोशन बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य।

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