बॉम्बे हाईकोर्ट ने ग़ैरक़ानूनी गर्भपात के आरोपी डॉक्टर को COVID-19 से मरीज़ों का इलाज करने की शर्त पर ज़मानत दी
बॉम्बे हाईकोर्ट के औरंगाबाद पीठ ने सोमवार को एक डॉक्टर को इस शर्त पर ज़मानत दी कि वह कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की मदद करेगा।
सात महीने की गर्भवाली 29 साल की एक महिला का ग़ैरक़ानूनी गर्भपात कराने के आरोपी डॉक्टर को ज़मानत देते हुए एकल पीठ के जज न्यायमूर्ति टीवी नलवाड़े ने कहा,
"आवेदक अभियोजन पक्ष की गवाही से किसी तरह की छेड़छाड़ और इसी तरह का कोई और अपराध नहीं करेगा' जेल से छोड़े जाने के बाद वह सरकारी मेडिकल कॉलेज, औरंगाबाद के डीन से मिलेगा और यह लिखित आश्वासन देगा कि वह डीन के कहे मुताबिक़ अपनी सेवाओं को अंजाम देगा।"
उसे ₹15,000 की ज़मानत राशि पर छोड़ते हुए अदालत ने कहा,
"आवेदक के वक़ील ने कहा है कि आवेदक एमबीबीएस, एमडी है। उन्होंने कहा कि आवेदक सरकार के निर्देशों के अनुसार जरूरतमंदों की मदद करने को तैयार है और चूंकी देश में कोरोना वायरस के कारण महामारी फैली हुई है, वह लोगों की मदद करेगा।"
डॉक्टर के ख़िलाफ़ 6 अगस्त 2019 को ग़ैरक़ानूनी गर्भपात के आरोप में मामला दायर किया गया था।
यह ऑपरेशन उसने 21 जुलाई 2017 को किया था। ऐसी आशंका है कि यह स्त्री गर्भ को नष्ट करने का मामला था। इसके बाद उसके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 314, 201, 203 & 120-B के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था।
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