बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुणे के एक व्यक्ति को अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए सड़क मार्ग से असम जाने की इजाज़त दी
COVID-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के बीच बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को अपने पिता के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए पुणे से सड़क मार्ग से असम जाने की इजाज़त दे दी। बिनी ढोलानी पुणे के रहने वाले हैं और उनके पिता की 5 अप्रैल को मौत हो गई।
न्यायमूर्ति एके मेनन ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह संबंधित अधिकारी से यात्रा की अनुमति लेने के क्रम में उसे अपने जाने का कारण बताए और यह भी कि वह किस रास्ते से जाएगा।
याचिकाकर्ता ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था जिसे रिट याचिका में बदल दिया गया जिसमें अपने पिता के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए उसने पुणे से असम के लंका शहर जाने की अनुमति माँगी थी।
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह असम जाने के लिए किसी भी तरह के साधान का प्रयोग करने कि लिए तैयार है। उसने यहाँ तक कहा कि देश में कहीं भी आने-जाने पर पाबंदी है, वह कार्गो विमान में भी बैठकर जा सकता है और उसने संबंधित अधिकारी से इस बारे में अनुमति भी माँगी।
अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने भारत संघ की पैरवी करते हुए कहा कि यह सिर्फ़ इसी याचिकाकर्ता का मामला नहीं है, बहुत सारे लोग मरे हैं, कुछ COVID-19 से और कुछ अन्य कारणों से पर किसी को भी विमान यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है।
एएसजी ने कहा कि याचिकाकर्ता को हवाई यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है और इस बारे में कोई भी अपवाद नहीं हो सकता। पर अगर वह सड़क मार्ग से यात्रा करना चाहता है, तो उसे इसकी अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस बारे में पुणे कलेक्टर कार्यालय को आवश्यक निर्देश जारी किया जाएगा ताकि वह उसकी यात्रा का प्रबंध कर दे।
अदालत ने एएसजी सिंह की दलील मान ली और इसके बाद याचिकाकर्ता को इस यात्रा की अनुमति के लिए आवेदन करने को कहा। उसे कहा गया कि वह यह बताएगा कि वह किस रास्ते से जाएगा ताकि अधिकारियों के पास विभिन्न राज्यों में उसके प्रवेश के बारे में सूचना रहे।