उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वरिष्ठ नागरिकों को घर पर ही COVID-19 वैक्सीन का बूस्टर डोज देने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को वरिष्ठ नागरिकों को अपने घरों पर COVID-19 वैक्सीन की बूस्टर डोज देने का विकल्प देने का निर्देश दिया।
वैक्सीनेशन सेंटर तक जाने में असमर्थ लोगों के लिए राज्य सरकार उनके घरों में बूस्टर डोज का प्रबंध करेगा।
राज्य में COVID-19 स्थिति से संबंधित जनहित याचिकाओं के समूह पर चली रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह आदेश दिया।
वहीं अधिवक्ता शिव भट्ट के माध्यम से आगामी विधानसभा चुनावों को स्थगित करने की मांग के लिए एक आवेदन दायर किया गया।
एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ द्वारा मामले की सुनवाई की जा रही है।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सुझाव दिया कि भारत निर्वाचन आयोग बढ़ते ओमीक्रॉन मामलों के बीच आगामी विधानसभा चुनावों में वर्चुअल रैलियों और ऑनलाइन वोटिंग को एक विकल्प के रूप में अपनाना चाहिए।
चुनाव आयोग ने अदालत को सूचित किया कि चुनावी राज्यों में 15 जनवरी तक सभी सार्वजनिक रैलियों, नुक्कड़ सभाओं और रोड शो पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, उम्मीदवार नामांकन प्रक्रिया को ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं और रिटर्निंग अधिकारी को कागजात जमा करने के लिए अनावश्यक कार्यवाही से बच सकते हैं।
इसके अलावा, यह कहा गया कि चुनाव आयोग द्वारा जारी अन्य दिशानिर्देश राज्य में COVID-19 की स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं।
तदनुसार, इस तथ्य को भी ध्यान में रखते हुए कि चुनाव अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है, हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को बढ़ते संक्रमण के बीच चुनाव मामलों को उचित रूप से संभालने के लिए कहा।
राज्य सरकार के वकील ने न्यायालय को सूचित किया कि निगरानी समितियां नियमित रूप से अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर रही हैं। कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार से इन रिपोर्टों का विश्लेषण करने और सुनवाई की अगली तारीख से पहले एक हलफनामा जमा करने को कहा।
मामले पर अगली सुनवाई 15 फरवरी, 2022 को होगी।
केस शीर्षक: सचदानन्द डबराल बनाम भारत संघ और अन्य।