आरोपियों को मजिस्ट्रेट के सामने केवल इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही पेश किया जाए: केरल हाईकोर्ट ने COVID 19 के फैलने के मद्देनजर लिया निर्णय

Update: 2020-05-26 07:12 GMT

केरल हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि राज्य में मजिस्ट्रेट और विशेष न्यायाधीश के समक्ष किसी अभियुक्त को केवल इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पेश किया जाए, ताकि अदालत परिसर में COVID 19 संक्रमण के फैलने से रोका जा सके।

हाईकोर्ट का यह निर्देश इस तथ्य के बाद आया है कि कई मामलों में, अदालत में पेश किए गए आरोपी व्यक्ति को बाद में COVID 19 संक्रमित बताया गया, जिससे संबंधित मजिस्ट्रेटों को क्वारन्टीन से गुजरना पड़ा।

कथित तौर पर, तीन मजिस्ट्रेट और कई पुलिस कर्मियों को केरल के दो जिलों में क्वारन्टीन में भेजा गया है, तीन रिमांड कैदियों का COVID ​​-19 टेस्ट पॉज़िटिव आया।

"राज्य के कई हिस्सों से घटनाओं की सूचना मिली है, जिसमें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए गए अभियुक्त बाद में COVID ​​-19 संक्रमित निकले। इसके बाद महामारी फैलने के मद्देनजर संबंधित मजिस्ट्रेट को क्वारन्टीन में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।"

इस संबंध में जारी एक आधिकारिक बयान में मजिस्ट्रेट और अदालत के कर्मचारियों को बीमारी के बारे में बताया गया है। इन परिस्थितियों में, उच्च न्यायालय ने अब राज्य पुलिस प्रमुख को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि किसी अभियुक्त को इलेक्ट्रॉनिक वीडियो लिंकेज सुविधा के माध्यम से मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाए, भले ही उसे पहली बार पेश कर रहे हों।

आधिकारिक मेमो में कहा गया है कि

"यह निर्देश दिया गया है कि मजिस्ट्रेट और विशेष न्यायाधीश, जिनके समक्ष अभियुक्तों को गिरफ्तारी के बाद किसी वारंट के तहत या उसके बिना पेश किया जाता है, डेस्कटॉप / लैपटॉप / मोबाइल या किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक लिंकेज का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक लिंकेज या उपयुक्त इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अभियुक्त को पेश करने की अनुमति दे सकते हैं।

जिला न्यायाधीश और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तदनुसार सभी मजिस्ट्रेटों और विशेष न्यायाधीशों को दिशा-निर्देश देंगे और उन्हें इस मामले में आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता देंगे।"

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