गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने का प्रयास किया गया, आर्यन खान को जमानत से वंचित किया जाना चाहिए : बॉम्बे हाईकोर्ट में एनसीबी ने कहा
बॉम्बे हाईकोर्ट में क्रूज शिप ड्रग मामले में आर्यन खान की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एनसीबी ने कहा कि चल रही जांच के साथ छेड़छाड़ करने और गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।
एनसीबी के महत्वपूर्ण पंच गवाह प्रभाकर सईल द्वारा दायर हलफनामे का हवाला देते हुए एजेंसी ने दावा किया कि हलफनामा अदालत में दायर नहीं किया गया है। मीडिया में गुप्त रूप से वितरित किया गया है।
जवाब में दावा किया गया कि ऐसा लगता है कि शाहरुख खान के मैनेजर ने पंच गवाह प्रभाकर सईल को प्रभावित किया है।
एनसीबी के वकील ने कहा,
"महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तरह के कथित हलफनामे में स्पष्ट रूप से इस आवेदक से जुड़ी पूजा डडलानी (शाहरुख की) प्रबंधक का नाम है। ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त महिला ने ऐसे समय में पंच गवाहों को प्रभावित किया है जब जांच चल रही है। जांच के स्तर पर इस तरह का हस्तक्षेप एक दुर्भावनापूर्ण और यह पटरी से उतरने और सत्य की खोज में बाधा उत्पन्न करने का सुनियोजित प्रयास है।"
एनसीबी का दावा है कि उन्होंने विशेष एनडीपीएस अदालत में एक आवेदन दायर किया। इसमें बताया गया कि कोर्ट के संज्ञान में इस तथ्य को लाया गया कि जांच को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही है।
एनसीबी का कहना है कि सिर्फ इसी आधार पर जमानत अर्जी खारिज की जानी चाहिए।
एनसीबी ने कहा,
"इस प्रकार प्रतिवादी सम्मानपूर्वक कहता और प्रस्तुत करता है कि चूंकि चल रही जांच के बीच में छेड़छाड़, गवाहों को प्रभावित करने के स्पष्ट उदाहरण हैं, ऐसे आधार पर जमानत आवेदन को खारिज कर दिया जाना चाहिए।"
यह ध्यान दिया जा सकता है कि विशेष अदालत के समक्ष एनसीबी की याचिका को विशेष अदालत ने यह कहते हुए निपटा दिया कि वह सईल की रिपोर्ट का संज्ञान नहीं लेने के लिए एक व्यापक आदेश पारित नहीं कर सकती।
एनसीबी ने आगे आरोपों को दोहराया कि 2021 के सीआर 94 में गिरफ्तार किए गए सभी व्यक्ति के जहां तक एक-दूसरे से संबंध का सवाल है वे एक-दूसरे से अटूट रूप से जुड़े हुए हुए हैं।
एनसीबी का कहना है कि आगे की जांच में आर्यन खान के अंतरराष्ट्रीय संबंधों का पता चला है, जो प्रथम दृष्टया अवैध दवा खरीद की ओर इशारा करते हैं।
एजेंसी ने कहा कि आर्यन खान के अंतरराष्ट्रीय संबंध बताते हैं कि वह "मात्र उपभोक्ता नहीं है जैसा कि वह कहता है।" यह कहना जल्दबाजी होगी कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
एनसीबी आगे दावा किया कि खान की रिहाई के लिए प्रार्थना करने वाली जमानत याचिका "गलत है।" साथ ही जवाब में दिए गए कथनों के आलोक में खान ने जमानत याचिका प्रथम दृष्टया और/या अन्यथा पर विस्तार के लिए कोई मामला नहीं बनाया है।
इसके अलावा जवाब में कहा गया,
"इसके अलावा, जमानत आवेदन की सामग्री का समग्र रूप से विरोध किया जाता है।"
न्यायमूर्ति नितिन डब्ल्यू साम्ब्रे की एकल पीठ आज (मंगलवार) दिन में खान और सह-आरोपी अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं।