अनीस खान मर्डर केस: कलकत्ता हाईकोर्ट ने मृतक की लाश का दोबारा पोस्टमार्टम का आदेश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को आलिया यूनिवर्सिटी के छात्र अनीस खान की हत्या के मामले में दूसरे पोस्टमार्टम का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि दूसरे पोस्टमॉर्टम और राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही जांच की निगरानी एक जिला न्यायाधीश द्वारा की जाएगी।
अदालत ने इससे पहले घटना को 'गंभीर और चौंकाने वाला' करार देते हुए मामले का स्वत: संज्ञान लिया था।
जस्टिस राजशेखर मंथा ने यह कहते हुए जांच को एक स्वतंत्र बाहरी एजेंसी को हस्तांतरित करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि एसआईटी द्वारा जांच कराना उचित नहीं होगा।
अदालत ने एसआईटी को वर्तमान जांच आगे बढ़ाने का कहते देते हुए निर्देश दिया,
"यह अदालत पहले एसआईटी की जांच का मूल्यांकन करना चाहेगी, जिसकी पर्याप्तता उसके बाद ही निर्धारित की जा सकती है। इसलिए, एसआईटी तत्काल हालात के साथ आगे बढ़ेगी। उम्मीद है कि जांच के दौरान कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। जांच जो अक्षरशः पूरा किया जाएगा।"
अदालत ने आगे आदेश दिया कि जिला न्यायाधीश, 24 परगना (उत्तर) राय चट्टोपाध्याय सामान्य रूप से एसआईटी जांच और दूसरे पोस्टमॉर्टम की निगरानी करेंगी। जिला न्यायाधीश को मृतक के मोबाइल फोन की जांच करने और विशेष रूप से ट्रायल पहचान परेड का भी निर्देश दिया गया।
आगे निर्देश दिया गया कि शव को कब्र से बाहर निकालकर दूसरा पोस्टमॉर्टम किया जाना चाहिए। साथ ही जिला न्यायाधीश की देखरेख और उनके निर्देश में एसआईटी को तथ्यों को संरक्षित करना जारी रखा जाना चाहिए।
अदालत ने आगे आदेश दिया कि एसआईटी के संबंधित जांच अधिकारी (आईओ) द्वारा याचिकाकर्ता या उसके प्रतिनिधि की उपस्थिति में मोबाइल फोन को सील कर दिया जाना चाहिए। मोबाइल को हैदराबाद में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला को भेज देना चाहिए।
अदालत ने आगे निर्देश दिया,
"निदेशक, केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, हैदराबाद से अनुरोध है कि एसआईटी और किसी भी अन्य मामले के संदर्भ के सभी बिंदुओं से जांच को तेजी से पूरा करें जो उन्हें मामले के उद्देश्य के लिए प्रासंगिक लगे। मेटा-डेटा/डिजिटल की एक प्रति पूरे फोन और उसकी सामग्री के पदचिह्न को संरक्षित किया जाए। उक्त उद्देश्य के लिए एफआईआर की एक कॉपी के साथ स्वयं सीएफएसएल को भेजा जाए।"
न्यायालय ने कहा कि जिला न्यायाधीश पोस्टमार्टम के समय उपस्थित होने के लिए मजिस्ट्रेट के पद के किसी भी व्यक्ति को नामित करने का हकदार होगा। निर्देश दिया गया कि सभी गवाहों के पोस्टमॉर्टम और सभी जांचों की वीडियोग्राफी की जाए और जिला जज को प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं।
जस्टिस मंथा ने आदेश दिया कि दूसरे पोस्टमार्टम की रिपोर्ट यथाशीघ्र एसआईटी के साथ-साथ याचिकाकर्ता को भी सौंपी जाए। सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, हैदराबाद से सभी रिपोर्ट जांच से संबंधित सभी दस्तावेजों सहित जिला जज को उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया। उम्मीद की जाती है कि जांच में किसी भी तरह से बाधा नहीं आएगी और मीडिया से अनुरोध है कि कृपया इसे ध्यान में रखें।
अदालत ने निर्देश दिया,
"एसआईटी और राज्य सभी गवाहों को पूर्ण और पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। एसआईटी दो सप्ताह बाद इस अदालत के समक्ष एक प्रगति रिपोर्ट पेश करेगी।"
मामले की अगली सुनवाई 10 मार्च को होनी है।
पृष्ठभूमि
छात्र कार्यकर्ता अनीस खान शनिवार, 19 फरवरी, 2022 की तड़के हावड़ा जिले के अमता ब्लॉक में अपने घर पर मृत पाए गए। खान की हत्या ने कोलकाता की आलिया यूनिवर्सिटी में बड़े पैमाने पर छात्रों के विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया। अनीस खान यूनिवर्सिटी में एकीकृत पांच वर्षीय मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) पाठ्यक्रम का छात्र था। खान ने राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आलिया यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा 137 दिनों तक चले विरोध प्रदर्शन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
खान के पिता ने आरोप लगाया कि शुक्रवार की रात चार लोग पुलिस और स्वयंसेवक की वर्दी पहनकर उनके घर आए। उन्होंने दावा किया कि उनके बेटे को अमता में उनके घर की तीसरी मंजिल से धक्का दिया गया। खान का परिवार मौत की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है।
इससे पहले बुधवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हत्या के मामले में अमता, हावड़ा से होमगार्ड के एक जवान और एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने मंगलवार को आलिया यूनिवर्सिटी में एक छात्र की मौत की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया। टीम का नेतृत्व सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ज्ञानवंत सिंह कर रहे हैं। राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक एसआईटी 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आलिया यूनिवर्सिटी के छात्र अनीस खान की हत्या पर विरोध प्रदर्शन के बाद एसआईटी के गठन का निर्देश दिया था।
केस शीर्षक: सलेम खान बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य।
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