इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रविवार की रात की सुनवाई में सरयू एक्सप्रेस में ऑन-ड्यूटी महिला पुलिसकर्मी पर क्रूर हमले का स्वत: संज्ञान लिया

Update: 2023-09-04 06:44 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30-31 अगस्त की मध्यरात्रि को सरयू एक्सप्रेस में ड्यूटी के दौरान एक महिला पुलिसकर्मी ('एक्स') पर हुए क्रूर हमले का स्वत: संज्ञान लिया है।

मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर के रविवार के एक व्हाट्सएप संदेश के आधार पर मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ रविवार, 3 सितंबर को रात 8:00 बजे मुख्य न्यायाधीश के आवास पर सुनवाई के लिए बैठी।

पीठ को सूचित किया गया कि पुलिसकर्मी को लहूलुहान अवस्था में पाया गया था, वह खून से लथपथ थी, उसके चेहरे पर गहरा घाव था और वह हिलने-डुलने में भी असमर्थ थी। घटना की सूचना कुछ यात्रियों ने दी, जो सुबह करीब चार बजे अयोध्या जंक्शन से सरयू एक्सप्रेस में चढ़े थे।

अभियोजन पक्ष का पक्ष रखते हुए वकील राम कौशिक ने कहा कि 'एक्स' के भाई की ओर से एक लिखित शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 332, 353 और 307 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि, 'एक्स' की गंभीर और शारीरिक स्थिति को देखते हुए आईपीसी की धारा 376/376 डी भी एफआईआर में जोड़ी जानी चाहिए थी।

कौशिक ने भारतीय रेलवे द्वारा महिलाओं के लिए सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन की कमी को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल यात्रियों की सुरक्षा के नियमों को लागू करने में अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहा। उन्होंने कहा, " वर्तमान घटना स्पष्ट रूप से भारतीय रेलवे अधिनियम के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन को दर्शाती है। "

मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने रेलवे सचिव, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक, यूपी सरकार के सचिव (गृह) और यूपी राज्य महिला आयोग को नोटिस जारी किया है।

पीठ ने राज्य को केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया है। 

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