इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डेंगू बुखार के नियंत्रण और रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में लखनऊ नगर निगम से जवाब मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने लखनऊ में डेंगू बुखार के प्रसार को ध्यान में रखते हुए लखनऊ नगर निगम को डेंगू बुखार के नियंत्रण और रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा।
चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं से संबंधित जनहित याचिका में यह निर्देश जारी किया।
आशीष कुमार मिश्रा की ओर से दायर जनहित याचिका में उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा एक दवा की दुकान के औचक दौरे का भी उल्लेख किया गया था, जिसमें उन्हें स्टोर में करोड़ों रुपये की एक्सपायरी दवाएं पड़ी मिलीं।
मामले की सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता ने शहर में डेंगू बुखार के प्रसार के संबंध में भी मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि इसे नियंत्रित करने या रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं।
कोर्ट ने राज्य के वकील को चिकित्सा सुविधाओं के उन्नयन और विशेष रूप से उन रोगियों के लिए प्लाज्मा की उपलब्धता के बारे में अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया, जिन्हें इसकी आवश्यकता हो सकती है।
इसके अलावा, कोर्ट ने इसके उद्देश्य के लिए जनशक्ति, मशीन और फंड उपलब्ध कराने के लिए जहां कहीं भी आवश्यक हो, स्थानीय प्रशासन का समर्थन करने के लिए अधिकारियों को अवगत कराने के लिए कहा है।