इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 8 जजों के COVID-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद फिर से वर्चुअल सुनवाई की ओर रुख किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट (दोनों बेंच) ने 8 न्यायाधीशों, कुछ न्यायिक कर्मचारियों और कुछ वकीलों के COVID-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद फिर से वर्चुअल मोड में कार्य करने का निर्णय लिया है।
यह फैसला हाईकोर्ट द्वारा वर्चुअल मोड ऑफ हियरिंग से हाइब्रिड मोड ऑफ हियरिंग में जाने के 6 दिन बाद आया है।
अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार चौधरी ने लाइव लॉ से बात करते हुए पुष्टि की कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति की बैठक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता में हुई, जिसमें सीजे ने वर्चुअल मोड में खुद वापस जाने का प्रस्ताव रखा।
दोनों बेंचों में बार काउंसिल द्वारा प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की गई और सोमवार (10 जनवरी) से सभी मामलों की सुनवाई वेबएक्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर की जाएगी।
बैठक में यह उल्लेख किया गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के 8 न्यायाधीश (लखनऊ बेंच से 3 और प्रयागराज में बेंच से 5) अब तक COVID-19 पॉजिटव पाए जा चुके हैं। हालांकि, न्यायाधीशों में से 2 निगेटिव पाए गए हैं।
बैठक में यह भी बताया गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (प्रोटोकॉल) पॉजिटिव पाए गए हैं और वह कथित तौर पर कई न्यायाधीशों के संपर्क में आए थे।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि इस महीने की शुरुआत में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य में COVID-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए मामलों की सुनवाई करने का फैसला किया। हालांकि, अधिवक्ताओं द्वारा वीसी मोड में सुनवाई के खिलाफ किए गए विरोध को देखते हुए अगले दिन कोर्ट ने सुनवाई के लिए हाइब्रिड मोड में जाने का फैसला किया।
बढ़ते COVID-19 मामलों को देखते हुए बैठक हुई और सुनवाई के लिए वीसी मोड में फिर से जाने का निर्णय लिया गया।
अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार चौधरी ने हाईकोर्ट प्रशासन से लखनऊ बेंच परिसर में कम से कम 30 कंप्यूटर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया ताकि जिन अधिवक्ताओं के पास स्मार्टफोन नहीं है, वे वर्चुअल मोड में सुनवाई में शामिल हो सकें।