इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रियंका गांधी के निजी सचिव की तरफ से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर यूपी सरकार से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह की तरफ से दायर अग्रिम जमानत याचिका यूपी सरकार से जवाब मांगा है।
संदीप के खिलाफ दर्ज एक एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कथित तौर पर 1000 बसों की सूची में फर्जीवाडा किया था। इन बसों की व्यवस्था कांग्रेस पार्टी ने यूपी सरकार के लिए की थी ताकि प्रवासी श्रमिकों को वापिस घर लाया जा सके।
यह मामला लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था, जिन्होंने इस मामले में निर्देश लेने के लिए एजीए को तीन दिन का समय दिया है।
सिंह और यूपी कांग्रेस के प्रमुख अजय कुमार लल्लू के खिलाफ, 9 मई को हजरतगंज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। आरोप है कि इन्होंने बसों की सूची के संबंध झूठी जानकारी दी थी। यह बसें प्रवासी श्रमिकों को घर वापिस भेजने के लिए भेजी गई थी।
यह आरोप लगाया गया था कि प्रवासी श्रमिक राज्य में ऑटो-रिक्शा, एम्बुलेंस, ट्रक आदि के जरिए आवाजाही कर रहे हैं। जबकि इस संबंध में सूची में कोई उल्लेख नहीं किया गया था। इसके अलावा पार्टी द्वारा प्रदान की गई कई बसों में अपेक्षित फिटनेस प्रमाणपत्र या/ और वैध बीमा भी नहीं थे।
प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि कांग्रेसी नेताओं ने अंतर-राज्य आवाजाही के लिए पास भी नहीं लिए थे,जो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह उल्लंघन था।
सिंह की तरफ से अधिवक्ता नदीम मुर्तजा, शुभम त्रिपाठी और सैयद यशब हुसैन रिजवी पेश हुए। इन्होंने दलील दी कि प्राथमिकी फर्जी है और राजनीतिक प्रतिशोध के चलते दायर की गई है।
कोर्ट ने केस डायरी भी तलब की है और अब इस मामले की सुनवाई 17 जून को होगी।
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