250 से अधिक वकीलों द्वारा शिकायत किए जाने के बाद जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने एडवोकेट जनरल से माफी मांगी
250 से अधिक वकीलों द्वारा चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम को संबोधित पत्र में जज पर एजी के प्रति शिष्टाचार की कमी दिखाने का आरोप लगाए जाने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने कोर्ट रूम में एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता से बिना शर्त माफी मांगी।
यह घटना तब हुई जब एजी ने जस्टिस गंगोपाध्याय को खंडपीठ के स्थगन आदेश के बारे में सूचित करने का प्रयास किया, जब जज कथित तौर पर क्रोधित हो गए और उन्होंने एडवोकेट जनरल के बारे में बेहद अशोभनीय और अपमानजनक टिप्पणियां की... और उनके पर चरित्र, नैतिक फाइबर और अखंडता पर आक्षेप लगाए।
पत्र में कहा गया,
''उक्त टिप्पणियां अकारण और अनुचित हैं...जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने एडवोकेट जनरल का अपमान और आक्षेप करके मर्यादा की सभी सीमाओं का उल्लंघन किया।''
उपरोक्त मामले की कार्यवाही में जस्टिस गंगोपाध्याय ने खंडपीठ के आदेश की अनदेखी की, जिसके परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अपने पास स्थानांतरित कर लिया।
एजी को अपने कोर्ट रूम में बुलाने पर जस्टिस गंगोपाध्याय ने अपने पहले के कार्यों के लिए खेद व्यक्त किया।
उन्होंने कहा,
"मैं आपको [एजी] लगभग 37 वर्षों से जानता हूं... मैं क्षमाप्रार्थी हूं... मैं क्रोधित था और बहुत-सी बातें कही थीं। बार में हर किसी को पता होना चाहिए कि मैं क्षमाप्रार्थी हूं।''
गौरतलब है कि यह कोई अकेली घटना नहीं है और जस्टिस गंगोपाध्याय हाल के दिनों में भी विवादों से घिरे रहे हैं।