इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गन्ने के रस में गोमांस की मिलावट कर बेचने के आरोपी को ज़मानत दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को एक फ़ुजैल को ज़मानत दे दी, जिस पर गोमांस की मिलावट करके गन्ने का रस बेचने का आरोप लगाया गया था।
जस्टिस दीपक वर्मा की खंडपीठ ने अपराध की प्रकृति, साक्ष्य और अभियुक्त की भूमिका और सुप्रीम कोर्ट द्वारा सतेंद्र कुमार अंतिल बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो | 2022 लाइवलॉ (SC) 577 मे6 दिये गए फैसले को ध्यान में रखा।
आरोपी फुजैल के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 504, 295-ए और यूपी गोवध निवारण अधिनियम, 1955 की धारा 3 और धारा 5 के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोपी ने इस आधार पर जमानत की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था कि वह निर्दोष है और उसे झूठे मामले में फंसाया गया है।
आरोपी के वकील हसन परवेज ने कहा कि आरोपी गन्ने का रस बेचने का काम करता है और पैसे के भुगतान को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद होने के बाद शिकायतकर्ता ने मनगढ़ंत कहानी बनाकर उसे मामले में फंसाया।
यह भी तर्क दिया गया कि कथित घटना की कोई एफएसएल रिपोर्ट नहीं है, जिससे अभियोजन पक्ष की कहानी साबित होती हो, इसलिए, कथित धाराओं के तहत कोई अपराध नहीं बनता। आरोपी 30 नवंबर, 2022 से जेल में बंद है।
हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि आरोपी ने जमानत के लिए मामला दायर किया, अदालत ने उसे संबंधित अदालत की संतुष्टि के लिए व्यक्तिगत मुचलका और इतनी ही राशि में दो-दो जमानत पेश करने की शर्त पर राहत दी।
अपीयरेंस
आवेदक के वकील : कैफ मोहम्मद, अमन कुमार
विरोधी पक्ष के वकील: जीए
टाइटल - फुजैल बनाम यूपी राज्य [CRIMINAL MISC. जमानत आवेदन नंबर - 397/2023]
साइटेशन : 2023 लाइवलॉ (एबी) 46
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