कानून की उचित प्रक्रिया से बेदखल नहीं किया गया व्यक्ति बिजली कनेक्शन पाने का हकदार : कलकत्ता हाईकोर्ट

Update: 2020-12-26 04:30 GMT

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार (24 दिसंबर) को यह माना कि जब तक कानून की उचित प्रक्रिया से बेदखल नहीं किया जाता, तब तक एक अतिक्रमी भी बिजली का हकदार है ।

न्यायमूर्ति अरिंदम मुखर्जी की पीठ ने आगे स्पष्ट किया कि बिजली कनेक्शन, यदि याचिकाकर्ता (कथित अतिक्रमण करने वाला) को प्रदान किया जाता है, तो संपत्ति के संबंध में उसके पक्ष में कोई अधिकार नहीं होगा।

अदालत के समक्ष मामला

याचिकाकर्ता (सुकला कर) ने अपने परिसर में नए सर्विस कनेक्शन के लिए आवेदन किया, हालांकि, सीईएससी (कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉरपोरेशन) लिमिटेड द्वारा उसके आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि उक्त परिसर में पहले से ही एक मौजूदा मेन सर्विस है और इसलिए उक्त परिसर में कोई नई सर्विस प्रदान नहीं की जा सकती है ।

सीईएससी नया मीटर लगाने और याचिकाकर्ता को नया कनेक्शन देने को तैयार था, बशर्ते याचिकाकर्ता ने नए मीटर और नए कनेक्शन के लिए नए सिरे से आवेदन किया हो, क्योंकि याचिकाकर्ता का पिछला आवेदन पहले ही खारिज हो चुका था।

नया कनेक्शन भी नए मीटर और नए कनेक्शन के लिए सभी लागत और खर्च का  वहन याचिकाकर्ता को करना था।

दूसरी ओर प्रतिवादियों की ओर से यह प्रस्तुत किया गया कि अपने परिसर के  संबंध में याचिकाकर्ता को कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने दलील दी कि उन्हें निजी उत्तरदाता होने के नाते अपने भाइयों और बहनों द्वारा उसे रहने की अनुमति दी गई है।

निजी उत्तरदाताओं ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता और निजी उत्तरदाताओं के बीच एक व्यवस्था के तहत याचिकाकर्ता मौजूदा मीटर से बिजली का आनंद ले रहे थे।

हालांकि निजी प्रतिवादी मानते हैं कि उक्त परिसर के एक हिस्से पर याचिकाकर्ता
 का कब्ज़ा था।

कोर्ट का आदेश

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा,

"याचिकाकर्ता और निजी उत्तरदाताओं के बीच परिसर के संबंध में स्वामित्व और अधिकार के बारे में ये विवाद रास्ते में खड़े नहीं हो सकते, यदि याचिकाकर्ता को उसके नाम पर नया मीटर मिल रहा है, खासकर जब याचिकाकर्ता का कब्जा स्वीकार किया जाता है।

न्यायालय ने कहा,

"यह स्वीकार किए बिना कि याचिकाकर्ता के पास उक्त परिसरों के संबंध में कोई  स्वामित्व और अधिकार नहीं है, याचिकाकर्ता की स्थिति तब एक अतिक्रण करने वाले की है । यहां तक कि एक अतिक्रण करने वाला
 जब तक कानून की उचित प्रक्रिया से बेदखल नहीं किया जाता है, बिजली  कनेक्शन पाने का हकदार है । "

इन तथ्यों और परिस्थितियों में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि उक्त परिसर में मीटर और नया कनेक्शन के लिए नया आवेदन तिथि से सात दिन के भीतर किया जाए।

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि आवेदन की तारीख से 72 घंटे के भीतर यदि किया गया तो सीईएससी के अधिकारी याचिकाकर्ता के नाम पर नया मीटर लगाने के लिए मौजूदा सर्विस मेन और मीटर बोर्ड की स्थिति का निरीक्षण करेंगे।

निरीक्षण की तिथि से 3 दिनों के भीतर कोटेशन बढ़ाने और अन्य सांविधिक आवश्यकता के कोटेशन और अनुपालन में उल्लिखित राशि के भुगतान पर सीईएससी को नया मीटर लगाने और याचिकाकर्ता को नया कनेक्शन देने से 3 दिन के भीतर देने का निर्देश दिया गया है।

केस टाइटल- सुकला कर बनाम कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड एंड ओआरएस । [W.P.A.No.10534 के 2020]

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