COVID-19 से पीड़ित 82 साल के वृद्ध प्रयागराज हॉस्पिटल से लापता: परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की

Update: 2021-05-26 10:07 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका दायर की गई है। इस याचिका में प्रयागराज के टीबी सप्रू अस्पताल में COVID-19 इलाज के लिए भर्ती किए एक 82 वर्षीय व्यक्ति की कथित रिहाई की मांग की गई है। याचिकाकर्ता का दावा है कि वह कथित तौर पर अस्पताल से लापता हो गए हैं।

राउल यादव ने अधिवक्ता अनुज सक्सेना और प्रकाश शर्मा के माध्यम से यह याचिका दायर की है। इसमें उनके पिता राम लाल यादव की रिहाई की मांग की गई है, जो कथित तौर पर 8 मई, 2021 से उक्त अस्पताल से लापता हैं।

याचिकाकर्ता का मामला है कि उसके पिता को 4 मई को COVID-19 की जांच के बाद टीबी सप्रू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 6 मई को याचिकाकर्ता ने खुद पॉजीटिव टेस्ट किया और उसे होम आइसोलेशन की सिफारिश की गई। अगले दिन उन्हें अस्पताल के अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया कि उनके पिता को ऑक्सीजन के स्तर में तेज गिरावट के कारण ट्रामा सेंटर में स्थानांतरित किया जा रहा है और 8 मई को उन्हें अस्पताल के अधिकारियों ने सूचित किया कि उनके पिता गायब हैं।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसने अपने पास उपलब्ध कई मोबाइल नंबरों पर कॉल करने का प्रयास किया, लेकिन किसी भी कॉल से कोई जवाब नहीं मिला। जब किसी ने जवाब दिया, तो उनके पास याचिकाकर्ता के प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर नहीं था। अस्पताल ने उन्हें उनके पिता की मेडिकल रिपोर्ट भी नहीं दी और पुलिस अधिकारियों ने भी याचिकाकर्ता की शिकायत पर कोई कदम नहीं उठाया।

इस पृष्ठभूमि में, याचिकाकर्ता ने कहा है कि उसके पिता की जान को खतरा है और उसने हाईकोर्ट से यह मांग की कि प्रतिवादियों को उसके पिता को छोड़ने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के अवैध उत्पीड़न के लिए मुआवजे की भी मांग की है।

याचिका को डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




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