'आप किसी सहानुभूति के हकदार नहीं ': सुप्रीम कोर्ट ने प्रैक्टिस से निलंबन के दौरान बार चुनाव लड़ने वाले वकील की याचिका खारिज की

Update: 2024-12-03 09:59 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया, जिसमें कदाचार के कारण वकील को 5 साल के लिए निलंबित किया गया था। कोर्ट ने इस तथ्य को भी गंभीरता से लिया कि वकील ने निलंबन अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश में बार एसोसिएशन के चुनाव लड़े।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच वकील द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसे कदाचार के कारण 11 मार्च, 2022 के आदेश में बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनुशासन समिति द्वारा 5 साल के लिए निलंबित कर दिया गया।

खंडपीठ ने कहा कि जब वकील निलंबित था, तब उसने बार एसोसिएशन के चुनावों में भाग लिया और चुनाव लड़ा। सीजेआई ने कटियार के आचरण पर सख्त रुख अपनाया।

उन्होंने कहा,

"आप बैंड पहने हुए थे, आप ऑनलाइन धन्यवाद संदेश पोस्ट कर रहे थे। (चुनाव लड़ने के दौरान)"

सीजेआई ने मौखिक रूप से कहा,

"चुनाव में खड़े होकर, जिस तरह से आपने व्यवहार किया, आप किसी भी सहानुभूति के पात्र नहीं हैं। लोगों ने वोट दिया, आपने दान भी मांगा।"

याचिकाकर्ता के वकील ने 5 साल की निलंबन अवधि को कम करने का आग्रह किया, यह देखते हुए कि वह पहले ही 2.9 साल का निलंबन झेल चुका है, क्योंकि इससे उसकी आजीविका प्रभावित हो रही है।

निम्नलिखित आदेश दर्ज करके अपील खारिज की:

"अपीलकर्ता के आचरण को ध्यान में रखते हुए हमें सजा की मात्रा में हस्तक्षेप करने का कोई अच्छा आधार नहीं मिला। इसलिए अपील खारिज की जाती है।"

केस टाइटल: अक्षय कटियार बनाम अजय कुमार साहू | सी.ए. नंबर 007313 - / 2022

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